आपने महाभारत को टीवी पर कई बार देखा होगा और ये भी जानते होंगे कि गांधारी के 100 पुत्र थे जिन्हे हम कौरव नाम से जानते हैं। लेकिन आपको इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि आखिर गांधारी के 100 पुत्रों का जन्म कैसे हुआ?

ये एक आम सवाल है जो कई लोगों के नाम में आया होगा कि आखिर कैसे कोई महिला 100 पुत्रों को जन्म दे सकती है? दरअसल, एक महिला के लिए एक साथ 100 बच्चों को जन्म देना असंभव प्रतीत होता है। लेकिन गांधारी के 100 पुत्रों का जन्म एक वरदान के कारण हुआ था।

कैसे हुआ 100 कौरवों का जन्म?
प्रचलित कहानियों के आधार पर गांधारी की सेवा से प्रसन्न हो कर ऋषि व्यास ने गांधारी को 100 पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद गांधारी गर्भवती हुई,लेकिन वह दो महीने तक गर्भवती ही रही। इसके बाद उन्होंने एक मांस के टुकड़े को जन्म दिया यानी गांधारी को एक भी संतान नहीं हुई। ऋषि व्यास ने उसे उस मांस के टुकड़े को 101 हिस्सों करने को कहा और अलग अलग घड़ों में रखवा दिया।

101 घड़ों में रखे गए मांस के टुकड़ों से बच्चों का विकास हुआ और धीरे-धीरे सभी उन घड़ों से जो बच्चे निकले, उन्हें ही कौरव कहा गया। 100 मटकों से १०० कौरवों का जन्म हुआ और 101वें घड़े ससे दुशाला ने जन्म लिया, जो 100 कौरवों की अकेली बहन थी।

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