ये बात हम सभी जानते हैं कि देश में करंसी छापने का काम भारतीय रिजर्व बैंक का होता है। इसके लिए आरबीआई मिनिमम रिजर्व सिस्टम नियम का पालन करता है। आपको बता दें कि ये नियम साल 1956 में बनाया गया था। रिजर्व बैंक को करेंसी नोट प्रिंटिंग के विरुद्ध न्यूनतम 200 करोड़ रुपये का रिजर्व हमेशा रखना पड़ता है।

इसमें 115 करोड़ रुपये गोल्ड और 85 करोड़ रुपये की विदेशी करेंसी आरबीआई को रखनी होती है। हम भी रोजाना 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के नोट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी छपाई में कितने का खर्चा आता है?

200 रुपये के नोट की छपाई में 2.93 रुपये खर्च होते हैं। 200 के नोट पर 'सांची का स्तूप' की तस्वीर छपी होती है। इसी तरह 500 रुपये के नोट की छपाई की कीमत 2.94 रुपये आती है। इस पर लाल किले की तस्वीर होती है।

2000 रुपये के नोट पर 'मंगलयान' की तस्वीर छपी है। 2000 रुपये के 1 नोट की छपाई की लागत 3.54 रुपये आती है। साल 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हुई थी। आरबीआई द्वारा जारी की गई पहली करेंसी नोट 5 रुपये की नोट थी। यह नोट साल 1938 में छपी थी, जिसपर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर लगी थी।

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