बाहुबली से कम नहीं हैं भारत की एकमात्र महिला सूमो पहलवान, पुरुषों के साथ करती हैं ट्रेनिंग
स्पोर्ट्स डेस्क। भारत क्रिकेट की लोकप्रियता में डूबा हुआ हैं। क्रिकेट के अलावा भी देश में विभिन्न खेलों में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगे को ऊंचा रखने का काम कर रहे हैं। भारत के कुछ खिलाड़ी भी हैं जिन्होंने ऐसे खेलो में भारत का परचम लहराया है जिनको अधिकांश लोग जानते तक नहीं है। यहां हम एक ऐसी महिला के बारे में बात करे रहे हैं, जो सूमो कुश्ती में भारत का नाम विश्वभर में रोशन कर रही हैं।
हम बात कर रहे हैं हेतल दवे की, हेतल भारत की एकमात्र महिला सूमो पहलवान हैं। 29 साल की हेतल ने साल 2008 में अपना नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज करा चुकी हैं। 5.6 फीट लंबी और 76 किलोग्राम वजन की हेतल सूमो कुश्ती के 65-85 किलोग्राम वर्ग में भाग लेती हैं। साल 2009 में हेतल ने ताईवान वर्ल्ड सूमो कुश्ती प्रतियोगिता में 5वां स्थान हासिल किया था। हेतल कई स्कूलों में छात्रों को कुश्ती और जूडो की ट्रेनिंग भी देती हैं।
भारत में सूमो कुश्ती को मान्यता प्राप्त खेल का दर्जा नहीं मिला है, इस वजह से हेतल कई प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पातीं है। हेतल कई स्कूलों में छात्रों को कुश्ती और जूडो की ट्रेनिंग भी देती हैं। देश में उनके अलावा कोई और महिला सूमो खिलाड़ी नहीं हैं, जिस वजह से उन्हें मजबूरी में पुरुष खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग करनी पड़ती है। वर्ल्ड सूमो रेसलिंग चैंपियनशिप में दो बार देश का प्रतिनिधत्व कर चुकी हेतल जूडो की माहिर खिलाड़ी हैं।
देश के खेल मंत्रालय को क्रिकेट के अलावा अन्य छोटे-बड़े खेलों की तरफ ध्यान देना चाहिए। आज हमारे देश में बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जो अलग-अलग खेलों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। हेतल दवे तो सिर्फ एक उदारहण हैं, उनके जैसे कई महिला और पुरुष खिलाड़ी विभिन्न खेलों में देश का नाम ऊँचा कर रहे हैं। जरुरत हैं देश में खेलों की महत्वत्ता को बढ़ावा देने की और जरुरत हैं सही संसाधन सहित उच्च खेल प्रशिक्षण की।