आजतक आपने कई तरफ की चटनी खाई होगी। भारत में तो लगभग हर घर में चटनी बनाई और खाई जाती है। लेकिन झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से 70 किलोमीटर दूर चाकुलिया के मटकुरवा गांव में आदिवासी लोगों के बीच लाल चींटी की ये चटनी काफी मशहूर है। वहां के लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं।

लोगों का कहना है कि ये चटनी काफी लजीज होती है। साथ ही इसे खाने से ठंड के मौसम में कई बीमारियों से बचा जा सकता है। ये चटनी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।

आदिवासी समाज के ये लोग पहले करंज और साल के पेड़ में बने इन चीटियों के घर ढूंढते हैं। इसके बाद इन चीटियों को हांडी में भर लिया जाता है।

घर पर लाने के बाद महिलायें इन्हें पत्थर पर पीसती हैं। सिलबट्टे पर पीसते हुए इन चीटियों में नमक, मिर्च, अदरक, लहसुन को भी मिलाया जाता है।

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