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दोस्तो अगर आपकी उम्र 18 से 44 साल के बीच हैं और आप दिन रात अपने भविष्य को सवारने के लिए भागदौड़ करते रहते हैं और अपने खान पान और जीवनशैली पर ध्यान नहीं दे रहे है, तो आपकी लापरवाही आपकी जान के लिए खतरी बन सकती हैं, एक रिपोर्ट में इस आयु वर्ग में स्ट्रोक के बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला गया है। स्ट्रोक, एक प्रकार का हृदय संबंधी रोग है, जो मृत्यु दर और रुग्णता का एक महत्वपूर्ण कारण है।

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युवा आबादी में स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही हैं। पिछले दशक में, 65 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों में स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि हुई है। स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है और इससे बचने वाले लोगों को अक्सर पक्षाघात और अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।

युवाओं में हृदय रोग क्यों बढ़ रहा है?

मोटापा और उच्च रक्तचाप: कम उम्र में मोटापे और उच्च रक्तचाप का बढ़ता प्रचलन स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा रहा है।

जीवनशैली और आहार संबंधी समस्याएँ: अस्वस्थ आहार और गतिहीन जीवनशैली हृदय रोगों का प्रमुख कारण बन रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2011-2013 और 2020-2022 के डेटा में स्ट्रोक के मामलों में लगभग 8% की वृद्धि देखी गई है, जो जागरूकता और रोकथाम के प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देता है।

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किस उम्र में स्ट्रोक का जोखिम अधिक होता है?

18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों में स्ट्रोक के मामलों में 14.6% की वृद्धि हुई है, जबकि 45 से 64 वर्ष की आयु के लोगों में यह वृद्धि 15.7% है। 2000 और 2018 के बीच, 45-64 आयु वर्ग के लोगों में उच्च रक्तचाप में 6% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है।

स्ट्रोक के जोखिम को कैसे कम करें

उच्च रक्तचाप, तनाव और मधुमेह को प्रबंधित करें: इन स्थितियों को नियंत्रण में रखने से स्ट्रोक का जोखिम काफी कम हो सकता है।

अपने आहार में सुधार करें: अपने भोजन में अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। प्रतिदिन 7 ग्राम फाइबर का सेवन बढ़ाने से स्ट्रोक का जोखिम कम हो सकता है।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद जैसी स्वस्थ आदतों को अपनाकर हृदय रोग और स्ट्रोक को रोका जा सकता है।

नियमित स्वास्थ्य जाँच: अपने कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप पर नज़र रखने के लिए नियमित चिकित्सा जाँच कराते रहें।

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