मानसून में बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है

दूध में अदरक और लाल शिमला मिर्च की जड़ मिलाने से शरीर को ताकत मिलती है

मानसून में घरेलू उपाय करने से नहीं होती है सर्दी खांसी

रोज सुबह एक गिलास दूध में एक चम्मच अदरक और एक चुटकी लाल शिमला मिर्च डालकर उबालें। यह दूध शरीर को ताकत भी देता है और सर्दी-खांसी से भी बचा सकता है।

मानसून में वायुजनित रोगों से बचाव के लिए सूखी मेथी, काली मिर्च, अजमोद, हींग और जीरा का प्रयोग करें।

मानसून में पानी में कीड़े और बैक्टीरिया के कारण बीमारियां फैलती हैं। ऐसे समय में घर में सादा पानी पीने से बचें। उबाल आने तक पानी पिएं।

खाना बनाने के लिए गर्म पानी का ही इस्तेमाल करें। खासतौर पर किसी भी तरह की चटनी और चाशनी जैसे व्यंजनों में उबले हुए पानी का इस्तेमाल करें।

इस मौसम में उबली सब्जियों और दाल से बने सूप को सबसे अच्छा माना जाता है। सूप पेट भी भरता है और पाचन में सुधार करता है।

एक कढ़ाई में दो गिलास पानी लें। इसमें चार-पांच तुलसी के पत्ते और दो-तीन टहनियां पुदीना मिलाएं। 2 छोटे चम्मच ग्रीन टी और अदरक का एक छोटा टुकड़ा लें। इस पानी को उबाल लें। एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ कर पीएं। इस काढ़े को सुबह-शाम पीने से सर्दी-खांसी, बुखार और सांस के रोग ठीक हो जाते हैं।

मानसून में मकई खाने से सेहत को भी फायदा होता है। इसमें कैलोरी भी कम होती है इसलिए वजन बढ़ने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। नींबू का रस मकई के पाचन में मदद करता है।

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