इंटरनेट डेस्क। हिन्दू धर्म में सावन के महीने का एक विशेष स्थान है। भोलेनाथ को यह समर्पित यह महीना कई वजहों से पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है और जो भक्त इस महीने में अपनी पूजा से उन्हें प्रसन्न कर लेता है उसके सभी दुःख दूर होते है और उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस महीने में भक्त अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते है और उन्हें तरह तरह की वस्तुएं अर्पण करते है।

भोलेनाथ को अर्पण की जाने वाली इन चीज़ों में शहद का ख़ास महत्व है। किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले मूर्ति को शहद से स्नान करवाने का शास्त्रों में भी उल्लेख है। ऋग्वेद के अनुसार शहद में सुनहरी मधुमक्खियों की देवी भ्रमरी देवी का वास होता है। कहा जाता है कि भ्रमरी देवी ने सूखे हुए पेड़ में अमृत डाला था और पेड़ फिर से हरा-भरा हो गया था। यही कारण है कि शास्त्रों में किसी भी पूजन से पहले शहद का उपयोग करने को महत्वपूर्ण बताया गया है।

अगर आप सावन के महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से पहले शिवलिंग को शहद से स्नान करवाते है तो आपको घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा यह आपके आस पास के वातावरण को भी शुद्ध करता है।

घर की महिला को अन्नपूर्णा कहा जाता है। सावन का सोमवार महिलाओं के लिए ख़ास महत्व रखता है। पूजा से पहले रसोईघर घर के दरवाजे पर शहद से भरी हुई कटोरी रखना घर में सुख-समृद्धि लेकर आता है।

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