आज के युवाओं को कम उम्र में ही श्वसन संबंधित कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, जिनकी वजह हैं संक्रमण, तम्बाकू धूम्रपान और निष्क्रिय तम्बाकू धुआं, रेडॉन, एस्बेस्टस और वायु प्रदूषण। यह सब कारक विभिन्न श्वसन बीमारियों के कारण बनते हैं, इसके अलावा हमारी खराब जीवनशैली और खान पान भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं, जिन पर अगर ध्यान नहीं दिया जाएं तो समस्या गंभीर हो सकती हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको श्वसन संबंधि कारक और उनके उपाय बताएंगे-

Google

सामान्य श्वसन संबंधी रोग

अस्थमा: एक पुरानी स्थिति जो वायुमार्गों में सूजन और संकुचन का कारण बनती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी): एक प्रगतिशील बीमारी जो वायुप्रवाह को बाधित करती है और सांस लेने में समस्या पैदा करती है।

पल्मोनरी फाइब्रोसिस: एक ऐसी स्थिति जिसमें फेफड़े के ऊतकों पर निशान पड़ जाते हैं, जिससे अकड़न और सांस लेने में कठिनाई होती है।

Google

निमोनिया: एक संक्रमण जो एक या दोनों फेफड़ों में वायु थैलियों को सूजन देता है, जो द्रव से भर सकता है।

फेफड़ों का कैंसर: एक प्रकार का कैंसर जो फेफड़ों में शुरू होता है और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।

जोखिम कारक

तम्बाकू धूम्रपान: धूम्रपान और सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से श्वसन संबंधी रोग विकसित होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।

वायु प्रदूषण: बाहरी और इनडोर वायु प्रदूषकों, जिसमें कण पदार्थ और रसायन शामिल हैं, के संपर्क में आने से श्वसन संबंधी स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

एलर्जी: एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएं श्वसन संबंधी स्थितियों को ट्रिगर या खराब कर सकती हैं।

Google

श्वसन स्वास्थ्य का प्रबंधन

मूंगफली: मूंगफली एलर्जी को ट्रिगर कर सकती है, जिससे अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। श्वसन संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों को मूंगफली का सेवन सावधानी से करना चाहिए।

दूध: दूध के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन यह कभी-कभी अस्थमा या अन्य श्वसन समस्याओं वाले व्यक्तियों में खांसी, गले में खराश या सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है।

नमक: अत्यधिक नमक का सेवन गले में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है।

Related News