हिन्दू धर्म में हर महीने के ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता हैं। अप्रैल के महीने में ये व्रत को पड़ेगा। ऐसी मान्यता हैं की अगर सच्चे मन से ये व्रत किआ जाएं तो विष्णु भगवान आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। तो आईये जानते हैं इस व्रत की विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व -

विधि

सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें। हो सके तो पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- फिर व्रत का संकल्प लें।
- मंदिर या घर के पूजा स्थल की सफाई करके देवी-देवताओं को स्नान करवाकर साफ कपड़े पहनाएं।
- भगवान श्रीहरि के सामने देसी घी का दीपक जलाएं।
- धूप, फूल चढ़ाकर पूरी विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- भगवान श्रीहरि को तुलसी अतिप्रिय होने से उन्हें तुलसी जरूर चढ़ाएं। मगर इसे एकादशी में तोड़ने की जगह एक दिन पहले ही तोड़ लें।
- फिर आरती करके उन्हें भोग लगाएं। साथ ही सभी को प्रसाद बांटें।
- पूरे दिन फलों का सेवन करें।
- अगले दिन पूजा के बाद ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को भोजन करावाकर अपने सामर्थ्य अनुसार दान- दक्षिणा दें। उसके बाखुद भोजन ग्रहण करें।

अगर आप व्रत नहीं भी रख रहे हैं तो भी इस दिन चावल व तामसिक भोजन खाने से बचें।

शुभ मुहूर्त
कामदा एकादशी आरंभ- 22 अप्रैल 2021, गुरुवार, को रात्रि 11:35 मिनट से
कामदा एकादशी तिथि समाप्त - 23 अप्रैल 2021, शुक्रवार, रात्रि 09:47 मिनट तक
उदया तिथि 23 अप्रैल 2021 को ही कामदा एकादशी का व्रत व पूजा होती है। कामदा एकादशी व्रत पारणा मुहूर्त- 24 अप्रैल 2021, शनिवार, सुबह 05:47 मिनट से 08:24 मिनट तक

महत्व

मान्यता है कि सुहागिन स्त्रियों द्वारा इस व्रत को रखने से उन्हें अखंड सौभाग्य मिलता है। जीवन की सभी समस्याएं दूर होकर मनोकामनाओं कू पूर्ति होती है।

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