मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे एक बार होने पर कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यही कारण है कि मधुमेह रोगियों को अपनी जीवनशैली और खान-पान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। बहुत से लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को आलू खाना चाहिए या नहीं। यह मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि आलू में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, लेकिन उनका सेवन मधुमेह रोगियों के लिए पूरी तरह से हानिकारक नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक आलू को बिना स्टार्च वाली सब्जियों के साथ मिलाने से नुकसान की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा आप उबले या भुने हुए आलू खाने की जगह उन्हें विटामिन और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों में मिला लें। ऐसा करने से आलू के साइड इफेक्ट काफी हद तक कम हो जाते हैं और डायबिटीज के मरीजों को कोई नुकसान नहीं होता है.

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डॉक्टरों का मानना ​​है कि मधुमेह के रोगियों को अपने शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आलू के सेवन से उन्हें पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक जैसे कई पोषक तत्व मिलते हैं। आलू में मौजूद प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट मधुमेह के रोगी को बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए आलू का सेवन सीमित मात्रा में लेकिन अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर करना मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।

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