By Jitendra Jangid- दोस्तो जिस तरह दुनिया और भारत में तकनीकी विकास हो रहा हैं उसको देखते हुए लग रहा हैं कि वो दिन दूर नहीं जब आप अपने फोन के माध्यम से दूर बैठे हुए इंसान छू पाउगे। एक जमाना था जब हम केवल भौतिक सिम कार्ड (सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉडल) पर निर्भर थे; अब हम eSIM तकनीक (एम्बेडेड सिम) अपनाने की कगार पर हैं। प्रमुख दूरसंचार कंपनियाँ इस बदलाव के लिए कमर कस रही हैं, हाल ही में एयरटेल ने अपने ग्राहकों को इस बदलाव के लिए प्रोत्साहित किया है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको इसके बारे में पूरी डिटेल्स देंगे-

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eSIM क्या है?

eSIM एक एम्बेडेड सिम कार्ड है जो सीधे आपके मोबाइल डिवाइस में एकीकृत होता है। पारंपरिक सिम कार्ड के विपरीत, इसमें डालने या निकालने के लिए कोई भौतिक कार्ड नहीं होता है।

eSIM के लाभ

बढ़ी हुई सुरक्षा: eSIM एम्बेडेड होते हैं, इसलिए उन्हें आसानी से हटाया या हैक नहीं किया जा सकता है, जिससे सिम क्लोनिंग की घटनाओं का जोखिम कम हो जाता है।

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मल्टी-लेयर सुरक्षा सुविधाएँ: टेलीकॉम कंपनियाँ eSIM के लिए उन्नत सुरक्षा उपाय लागू कर रही हैं, जो साइबर खतरों से बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं।

सुरक्षित प्रमाणीकरण: eSIM तकनीक सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ती है, जिससे आपको अपने फ़ोन और व्यक्तिगत जानकारी तक पहुँच पर अधिक नियंत्रण मिलता है।

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eSIM के नुकसान

डिवाइस क्षति के साथ लचीलापन: यदि आपका फ़ोन क्षतिग्रस्त है, तो आप अपने सिम को किसी अन्य डिवाइस पर स्विच नहीं कर पाएँगे, क्योंकि eSIM आंतरिक रूप से इंस्टॉल होता है।

कैरियर ऐप पर निर्भरता: अपने eSIM को प्रबंधित करने के लिए, आपको कैरियर के ऐप का उपयोग करना होगा, जो गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के बारे में चिंताएँ पैदा कर सकता है।

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