DRDO: भविष्य में रोबोट्स के अन्दर होंगे सेल्फ हीलिंग मसल्स
भविष्य में रोबोट किसी धातु से नहीं बने होंगे बल्कि एक नरम पदार्थ से बने होंगे जो दिखने में एक मांसपेशी की तरह काम करेंगे। डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भविष्य के रोबोट अपने स्वयं के दोष या टूटने की मरम्मत करने में सक्षम होंगे और उच्च गति पर तरल ईंधन द्वारा संचालित होंगे।
DRDO के एरोनॉटिकल सिस्टम (एयरो) के महानिदेशक टैसी थॉमस ने कहा, ये रोबोट कई तरह की गतिविधियों को संभालने में सक्षम होंगे। वे जटिल वातावरण में मनुष्यों के साथ काम करने में भी सक्षम होंगे। मिसाइल वूमेन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर टैसी थॉमस ने पहले ही एक लचीला रोबोट विकसित कर लिया है। उनकी मांसपेशियां उन्हें मानव मांसपेशियों की तरह ही आगे बढ़ने में मदद करती हैं।
आईआईटी मद्रास में चार दिवसीय 'एडवांस इन रोबोटिक्स' सम्मेलन से आगे, तास्सी ने कहा कि अगली पीढ़ी के रोबोट धातु से नहीं बने होंगे। इसके बजाय, वे एक नरम सामग्री से बने होंगे। रोबोट प्रणाली विभिन्न चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों में सफल रही है। आपदा प्रबंधन से लेकर सैन्य सुरक्षा तक रोबोटिक्स एक अच्छा समाधान है।
इसके कारण देश में रोबोटिक्स उद्योग के कई स्टार्ट-अप शुरू हो गए हैं। उन्नत रोबोटिक्स के साथ, उद्योग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग, 3 डी प्रिंटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से 2025 तक अनुमानित 2 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा कि DRDO की तीन प्रयोगशालाएँ विशेष रूप से रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर काम कर रही थीं।