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गर्मियां आते ही लोग फ्रिज के ठंडे पानी पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन कई लोग अभी भी मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीना पसंद करते हैं। मिट्टी के बर्तन या तांबे के बर्तन में पानी रखना अधिक फायदेमंद माना जाता है। साथ ही आजकल तांबे की बोतल में रखा पानी पीने का चलन बनता जा रहा है। आइए समझते हैं कि क्या मिट्टी के बर्तन में रखा पानी ज्यादा फायदेमंद होता है या फिर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से ज्यादा फायदा मिलता है।

मिट्टी के बर्तनों से पानी पीना:

मिट्टी के बर्तनों को सबसे शुद्ध बर्तन माना जाता था और आयुर्वेद भी मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी को पीने की सलाह देता है क्योंकि इसमें बर्तन तैयार करने के लिए पृथ्वी, पानी और अग्नि जैसे तत्वों का उपयोग होता है। गर्मी के दिनों में मिट्टी के घड़े का पानी न केवल ठंडक प्रदान करता है बल्कि शरीर का संतुलन भी बनाए रखने में मदद करता है।

मिट्टी के घड़े का पानी पीने के फायदे:

मिट्टी के बर्तनों का पानी पीने से पाचन तंत्र को कोई नुकसान नहीं होता है और ठंडक मिलती है, जिससे लू लगने की संभावना कम हो जाती है। मिट्टी के घड़े का पानी पीने से सेहत के लिए फायदेमंद जरूरी मिनरल्स भी मिलते हैं। हालाँकि, मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते समय स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है।

तांबे के बर्तन से पानी पीना:

तांबे के बर्तन में पानी रखना भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। ऐसा करने के लिए आप तांबे के बर्तन में पानी को 6 से 7 घंटे तक रखें और फिर उसका सेवन करें या फिर सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पी सकते हैं। इससे न सिर्फ पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है बल्कि वजन घटाने और इम्यून सिस्टम बूस्ट जैसे फायदे भी मिलते हैं।

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