गर्मियां शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में लोग तपिश और गर्मी की चुभन से परेशान हैं। ऐसे में गर्मी से निजात पाने के लिए हम सभी कूलर या एसी का सहारा लेते हैं। दोपहर की पॉवरनैप हो या फिर रात की लंबी सुकून वाली नींद, इसमें ठंडी हवा के लिए कूलर और एसी की अहम भूमिका होती है। अब सवाल यह उठता है कि हमारी सेहत के लिए बेहतर क्या है एसी या कूलर? अगर हम एसी और कूलर की तुलना करें तो कूलर ही बेहतर विकल्प है। इसके अलावा एसी से सेहत को कई नुकसान होते हैं।

इम्‍यून‍िटी पर एसी का दुष्प्रभाव

अगर आप एसी में लगातार रहने के आदी हो चुके हैं, तो यह आपके सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। बता दें कि एसी का दुष्प्रभाव आपकी इम्‍यून‍िटी पर भी पड़ता है। बता दें कि शरीर से पसीना निकलना जरूरी होता है, जबकि एसी में बैठने से पसीना नहीं निकलता है। इसके ठीक विपरीत यदि आप बिना एसी के बैठते हैं तो शरीर से पसीना ज्यादा मात्रा में निकलता है, जिससे आप गर्मी में चिड़चिड़ा महसूस करते हैं।

सांस से जुड़ी समस्याएं

एसी में ज्यादा समय बीताने वाले लोगों को सांस की समस्याएं होने लगती हैं। बता दें कि ज्यादातर लोग एसी का रख रखाव ठीक ढंग से नहीं करते हैं, लिहाजा उसकी जाली में धूल जमा हो जाती है। इससे जब हम एसी चलाते हैं तो सांस से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। एसी उन लोगों के लिए खतरनाक है, जिनका अस्थमा की बीमारी है।

साइनस-सिरदर्द और वजन का बढ़ना

जो लोग एसी में 4 घंटे से ​अधिक बैठते हैं, उन्हें साइनस होने का खतरा रहता है। कुछ ऐसे भी मामले आए हैं कि जो लोग एसी में ज्यादा बैठते हैं, उनका वजन बढ़ जाता है।
शरीर से पसीना नहीं निकलने के कारण शरीर का फैट बर्न नहीं हो पाता है, लिहाजा वजन बढ़ने की शिकायत आती है। वहीं, कूलर में रहने वाले लोगों को इस तरह की कोई भी परेशानी नहीं होती।

त्वचा सूखी होने लगती है

एसी का ज्यादा इस्तेमाल त्वचा को ड्राई बनाता है। 20 से 22 डिग्री पर एसी चलाकर उमस से बचा जा सकता है। लेकिन ज्यादा एसी में रहने से बॉडी ड्राई हो जाती है। गर्मियों में हमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि बॉडी में पानी की कमी ना हो।

शरीर को नहीं मिल पाती ताजी हवा

एसी रूम में ज्यादा देर तक बैठने अथवा सोने से शरीर को ताजी हवा नहीं मिल पाती है। फ्रीन गैस आपके कमरे की गर्मी को अवशोषित ठंडा जरूर कर देता है, लेकिन इसके विपरीत गर्म हवा और वातावरण भी स्‍वास्‍थ के ल‍िए जरूरी होता है। फेफड़ों को स्वस्थ रहने के लिए हल्की गर्मी की आवश्यकता होती है, जो कि एसी में संभव नहीं है।

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