अगर हम बात करेम स्मार्टफोन की तो यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं, इसके बिना आप अपने जीवन का एक मिनट भी व्यतीत नहीं कर सकते हैं, स्मार्टफोन ने आपके जीवन को सरल बना दिया हैं, आज आप उंगलियों पर दुनिया में किसी से भी बात कर सकते हैं, मूवी देख सकते हैं, पैसे भेज सकते हैं आदि, लेकिन क्या आपको पता हैं अगर आपका बच्चा इसका ज्यादा उपयोग करता है तो उसको ना केवल शाररिक बल्कि मानसिक बीमारियों से भी ग्रस्त होना पड़ता हैं, आइए जानते हैं मोबाइल से बच्चों में होने वाली परेशानियों के बारे में-

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अशांत दिनचर्या: बच्चे अक्सर देर रात तक गेम खेलते हैं या वीडियो देखते हैं, जिससे उनकी नींद खराब हो जाती है। नींद की कमी के कारण मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और शारीरिक विकास में बाधा हो सकती है।

खराब मुद्रा: बच्चे और वयस्क दोनों घंटों तक एक ही स्थिति में रह सकते हैं, जिससे गर्दन, कंधे, पीठ और कमर में अकड़न और दर्द हो सकता है।

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व्यवहार संबंधी मुद्दे: मोबाइल स्क्रीन के लगातार संपर्क में रहने से बच्चे के मूड और व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। स्क्रीन पर बहुत ज़्यादा समय बिताने से बच्चों में आक्रामकता और चिड़चिड़ापन बढ़ता है

आँखों को नुकसान: छोटे बच्चों में कमज़ोर दृष्टि के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण पढ़ने या अध्ययन करने जैसे पारंपरिक कारणों के बजाय स्क्रीन पर बहुत ज़्यादा समय बिताना है।

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साथियों का दबाव: स्मार्टफ़ोन बच्चों में साथियों के दबाव को भी बढ़ा सकते हैं। विज्ञापनों और सोशल मीडिया सामग्री के संपर्क में आने से नवीनतम खिलौनों या गैजेट की इच्छा पैदा हो सकती है, जिससे अपर्याप्तता की भावना और भौतिक संपत्ति की माँग बढ़ सकती है।

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