शिव जी को बेल के पत्ते सबसे ज्यादा पसंद होते हैं, हालांकि फटे हुए बेलपत्र चढ़ाने की मनाही है और चिकनी तरफ से बेल पत्र चढ़ाने का विधान है। बेलपत्र से धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह से फायदे होते हैं। जी हां और इसका वर्णन आयुर्वेद में भी है इसलिए बेलपत्र का सेवन सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि बेलपत्र में पेंटीन और मार्मेलोसिन होता है, जो शुगर को कम करने का काम करता है। जी हां और इसके अलावा यह पसीने से आने वाली बदबू को भी खत्म करता है।

जिसके साथ ही बेलपत्र का रस पीने से पेट संबंधी बीमारियों से भी राहत मिलती है। आयुर्वेद और एलोपैथिक दोनों में इसके चूर्ण भी बनाए जा रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, लोगों को इसका सीधा फायदा मिल रहा है. जिसके अलावा बेल के पत्तों में पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम होता है और वह भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। जिसके साथ ही बेल के पत्ते और फल दोनों ही शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं।

इसका प्रयोग अधिक लाभकारी होता है और पूजा में भी उपयोगी होता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि रोजाना 20 ताजा बेलपत्र दांतों से चबाने से चीनी खत्म हो जाती है और सिर्फ 1 महीने में, हालांकि आपको यह उपाय करना होगा

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