दोस्तों आपको बता दे की शनिदेव को सूर्य पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। लेकिन साथ ही पितृ शत्रु भी.शनि ग्रह के सम्बन्ध मे अनेक भ्रान्तियां और इस लिये उसे मारक, अशुभ और दुख कारक माना जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषी भी उसे दुख देने वाला मानते हैं। लेकिन शनि उतना अशुभ और मारक नही है, जितना उसे माना जाता है।

इसलिये वह शत्रु नही मित्र है।मोक्ष को देने वाला एक मात्र शनि ग्रह ही है। शास्त्रों के अनुसार दोस्तों आज हम आपको शनि देव के पांच ऐसे मंत्रो के बारे में बता रहे है। जिनका नियमित रूप से जाप करने पर आपकी जीवन से जुडी सभी परेशानी से छुटकारा मिलेगा। तो दोस्तों आप भी इन मंत्रो के बारे में जान लीजिये।


1. ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

2. ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

3. ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

4. कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।

सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

5. शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

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