कैंसर का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक जाती है। आधुनिक विज्ञान कितना भी उन्नत क्यों न हो, तथ्य यह है कि अभी तक कैंसर का कोई पुख्ता इलाज उपलब्ध नहीं है। कैंसर के इलाज में भी लाखों रुपये खर्च होते हैं। अगर कैंसर का टीका बन जाए तो लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

उसी बायो एनटेक ने फाइजर कंपनी के सहयोग से कोविड-19 के लिए वैक्सीन विकसित की। प्रोफेसर ओज़लेम तुरेशिया दंपत्ति ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम निश्चित रूप से सोचते हैं कि कैंसर का इलाज या कैंसर रोगियों के लिए जीवन बदलने वाला उपचार बहुत जल्द हमारी मुट्ठी में होगा। प्रोफेसर उगुर साहिन ने कहा कि अब से केवल 8 वर्षों में कैंसर का टीका व्यापक रूप से उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि 2030 से पहले दुनिया में कैंसर की वैक्सीन जरूर आ जाएगी।

वैज्ञानिक दंपति ने कहा कि आशा है कि वर्तमान में विकसित किए जा रहे कैंसर के टीके अब कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन्हें लक्षित करने के लिए मैसेंजर आरएनए तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। साहित्यन ने कहा कि अभी हमारा मुख्य लक्ष्य यह देखना है कि क्या सर्जरी के तुरंत बाद मरीजों को व्यक्तिगत टीके दिए जा सकते हैं। फिर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कैंसर रोगी को दिया गया टीका प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया टी-कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जो कैंसर कोशिका को पहचानती हैं और उसे ट्यूमर कोशिकाओं से अलग करती हैं।

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