सावन में 30 दिनों तक रोजाना करें शिव के इन 160 नामों का उच्चारण, मिलेगा मनचाहा वरदान
वर्ष 2019 में भगवान भोलेनाथ शिव का महीना श्रावण 17 जुलाई से शुरू हो चुका है।
भगवान भोलेनाथ, शंकर, नीलकंठ, महाकाल, देवों के देव महादेव की महिमा को बताने के लिए उन्हें अलग अलग नामों से पुकारा गया है और आज हम आपको भगवान शिव के 160 नामों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन नामों का आपको सावन के महीने में जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं इन 160 नामों के बारे में।
भोलानाथ, अंगीरागुरु, रुद्र, नीलकंठ, हर-हर महादेव, शिव, अमृतेश्वर, अमोघ, अभिराम, अभीरु, अभदन, अरिंदम, अरिष्टनेमि, अर्धेश्वर, अष्टमूर्ति, अर्धनारीश्वर, अर्हत,
अंबरीश, अकंप, अंतक, अंडधर, अचलेश्वर, अक्षतवीर्य, अक्षमाली अघोर, अजातारि, अज्ञेय, अतीन्द्रिय, अत्रि,
अनेकलोचन, अपानिधि, अस्थिमाली, अनघ, अनिरुद्ध, ऊर्ध्वरेता, ऋतुध्वज, आत्रेय, उमापति, उरगभूषण, एकनयन, कपालपाणि, कमंडलुधर, कलाधर, एकपाद, एकलिंग, एकाक्ष,
इकंग, ईशान, आशुतोष, इंदुभूषण, इंदुशेखर, उमानाथ, उमेश, ईश्वर, उन्मत्तवेष, उमाकांत, कल्पवृक्ष, कामरिपु,कामारि, कामेश्वर, कालकंठ ,कालभैरव, काशीनाथ, कृत्तिवासा, केदारनाथ, कैलाशनाथ, क्रतुध्वसी, क्षमाचार,
गंगाधर, गणनाथ, गणेश्वर, गरलधर, गिरिजापति, गिरीश, गोनर्द, चंद्रेश्वर, चंद्रमौलि, चीरवासा, जगदीश, जटाधर, जटाशंकर, जमदग्नि, ज्योतिर्मय, तरस्वी, तारकेश्वर,
सर्वलोकेश्वर, सर्वेश्वर, सहस्रभुज, साँब, सारंग, सिद्धनाथ, सिद्धीश्वर, सुदर्शन, सुरर्षभ, सुरेश, हरिशर, हिरण्य, तीव्रानंद, त्रिचक्षु, हुत सोम, सृत्वा, त्रिधामा, त्रिपुरारि, त्रियंबक,
त्रिलोकेश, त्र्यंबक, नंदीश्वर, नटराज, दक्षारि, नंदिकेश्वर, निरंजन, नटेश्वर, नागभूषण, नीरज, परमेश्वर, पूर्णेश्वर,
पुरंदर, पशुपतिनाथ, पिनाकपाणि, पिंगलाक्ष, प्रलयंकर, भोलेनाथ, प्रथमेश्वर, प्रभाकर, भस्मशायी, भालचंद्र, बैजनाथ, भगाली, भद्र, भुवनेश, भूतनाथ, भूतमहेश्वर,
महाकाल, मंगलेश, महाकांत, महार्णव, महादेव, महारुद्र, मृत्युंजय, महालिंग, महेश, महेश्वर, यजंत, योगेश्वर,
विश्वनाथ, विश्वेश्वर, लोहिताश्व, विधेश, वृषकेतु, वैद्यनाथ, विषकंठ, विषपायी, शारंगपाणि, शशांक, शेखर, शशिधर, शिवशंभु, सतीश आदि।