बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश ने पूरे भारत देश को सन्न कर दिया। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों के साथ निधन हो गया। तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में 14 लोगों को ले जा रहा एक IAF हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया उसके बाद 13 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति बाल-बाल बच गया।

हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद सीरिया जनरल बिपिन रावत जिंदा थे, यह दावा वहां पर मौजूद बचाव कर्मी का है। उसने कहा कि जब हेलीकॉप्टर के बिखरे पड़े मलबे के पास है पहुंचा था तो उन्होंने 2 लोगों को जिंदा बचाया था जिसमें से एक सीडीएस बिपिन रावत थे। बचाव कर्मी एनसी मुरली ने जब उनसे नाम पूछा तो उन्होंने धीमी आवाज में व्यक्ति ने अपना नाम बिपिन रावत बताया था। इसके बाद रास्ते से अस्पताल ले जाने के वक्त उनका निधन हो गया था। मुरली के अनुसार जो दूसरे शख्स को उन्होंने बचाया था उसकी उस समय वह पहचान नहीं कर पाए थे।


जल चुका था निचला हिस्सा

मौके पर मौजूद बचाव कर्मी के अनुसार जनरल रावत को रेस्क्यू करने का प्रयास किया तो उनके शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह से जला हुआ था। उसने उन्हें निकाला और बेडशीट में लपेटकर एंबुलेंस में अस्पताल ले जाने के लिए रवाना हो गए। एनसी मुरली फायर सर्विस टीम के सदस्य हैं जो कि घटनास्थल पर सूचना मिलते ही पहुंच गए थे। उन्होंने ये भी बताया कि जहा ये हादसा है वहां पर फायर सर्विस इंजन को ले जाना हम नामुमकिन सा था क्योंकि रास्ते में कोई सड़क नहीं थी ऐसे में वहां के स्थानीय लोग ही आसपास के घरों और नदियों से पानी लाकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे।

कटेरी गांव के लोग मौजूद थे घटनास्थल पर

बचाव कर्मी मुरली ने बताया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां पर आस- पास कुछ पेड़ भी मौजूद थे। हेलीकॉप्टर क्रैश साइट पर उन्हें 12 लोगों के शव मिले थे जबकि दो लोगों को उन्होंने जिंदा बचा लिया था हालांकि यह दोनों लोग भी बुरी तरह से आग में झुलसे हुए थे। जिनमें से एक जनरल बिपिन रावत थे जबकि दूसरे शख्स की पहचान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के तौर पर की गई थी। बचाव कर्मी के पहुंचने से पहले वहां पर कटेरी गांव के लोग सबसे पहले मौजूद थे क्योंकि उन्होंने 100 मीटर दूरी पर ही चॉपर क्रैश होने के जोरदार धमाके की आवाज सुनी थी. ऐसे में तुरंत जिले के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था और इलाके की बिजली को भी कट कर दिया गया था ताकि समय पर बचाव कर्मी और राहत दल वहां पर पहुंचकर मदद कर सके।

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