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ज्योतिष शास्त्र में, कुंडली में चंद्र ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए मोती पहनने की सुझाव दी जाती है। मोती को चंद्रमा का रत्न माना जाता है और इसे धारण करने से शुभ प्रभाव मिलने की आशा होती है। रत्न शास्त्र में मोती को महत्वपूर्ण रत्न माना गया है, जिसका रंग सफेद या क्रीम होता है और इसे चंद्रमा का कारक माना जाता है।

अनुसार रत्न शास्त्र, कुंडली में चंद्रमा से जुड़े दोष के कारण व्यक्ति के मन और मस्तिष्क पर अधिक प्रभाव पड़ता है। मोती को धारण करने से मानव जीवन में शांति और मानसिक स्थिति में स्थिरता मिल सकती है। गुस्से और डिप्रेशन के साथ रहने वाले व्यक्तियों के लिए भी मोती एक उपयुक्त रत्न हो सकता है, क्योंकि यह शांति और सौंदर्य का प्रतीक है।

रत्न शास्त्र के अनुसार, मोती को कर्क, धनु, और मीन राशि के जातक पहन सकते हैं। चंद्रमा ग्रह उच्च या सकारात्मक स्थिति में होने पर भी व्यक्ति मोती को धारण कर सकता है। मोती को हमेशा चांदी की अंगूठी में ही पहनना चाहिए और इसे सोमवार के दिन प्रातः काल धारण करना शुभ माना जाता है। यह अंगूठी सबसे छोटी अंगुली में पहनने से शुभ होती है और इसे किसी अन्य अंगुली में पहनने से आपको अशुभ हो सकता है।

मोती को धारण करना अशुभ भी हो सकता है, इसलिए व्यक्ति को इसे धारण करने से पहले ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। गुस्से और इमोशनल होने पर मोती को धारण करना अधिक उत्तेजित कर सकता है, इसलिए ध्यानपूर्वक सोचकर ही इसे धारण करना चाहिए। हिन्दू धर्म में मोती को पवित्र और शुभ रत्न माना जाता है, और कई लोग इसे धारण करते हैं क्योंकि इसे दिव्यता, पवित्रता, और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

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