देव गुरु बृहस्पति 6 अप्रैल, मंगलवार को मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वर्ष 2021 में गुरु का यह पहला राशि परिवर्तन होगा। अभी तक देव गुरु अपनी नीच राशि में शनि के साथ गोचर कर रहे थे। अब शनि की ही राशि कुंभ में गोचर करेंगे। इस राशि में देव गुरु 13 सितंबर तक गोचर करेंगे। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि पिछले 13 महीनों से मकर राशि में शनि के साथ चल रहे बृहस्पति 6 अप्रैल 2021 दिन सोमवार को रात्रि 00:22 बजे अपनी राशि बदलकर कुंभ में आ जाएंगे। कुंभ भी शनि की राशि है जो बृहस्पति की शत्रु राशि है। ऐसे में देश और दुनिया के लिए अभी माहौल नहीं बदलेगा। अभी 13 महीने और यथावत चलता रहेगा। बृहस्पति 20 जून को वक्री होकर 14 सितंबर को पुनः मकर राशि में वापस आएंगे और 20 नवंबर तक मकर में ही रहेंगे, किंतु 20 नवंबर से और 13 अप्रैल 2022 तक कुंभ में ही विचरण करेंगे।

देव गुरु बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्रफलदाई ग्रह माना गया है। गुरु ग्रह को धन, ज्ञान और सत्कर्म का कारक माना जाता है। यह विवाह और सुखी दाम्पत्य के कारक माने गए हैं। साथ ही बृहस्पति देव देवताओं के गुरु भी माने जाते हैं। यह धनु व मीन राशि के स्वामी हैं। गुरू ग्रह की चाल बदलने के कारण इसका असर कई राशियों पर सकारात्मक पड़ेगा तो कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक असर भी दिखाई देगा।

गुरु का राशि परिवर्तन अपने साथ कई राशियों के लिए धन लाभ और विद्या लाभ लेकर आएगा। इस राशि परिवर्तन से वृषभ, मेष और मिथुन राशि वालों के लिए सकारात्मकता और खुशियों का पिटारा होगा। इन लोगों को विद्या में सफलता तो मिलेगी। साथ ही धन के लाभ मामले में इनके लिए बहुत ही शुभ योग हैं। वहीं, कर्क सिंह और कन्या राशि के लिए समय थोड़ा मुश्किल भरा रह सकता है। इन लोगों को कई चिंताओं का सामना करना पड़ेगा। तुला, वृश्चिक राशि वालों को संतान सुख के साथ धन लाभ के योग हैं। इन लोगों के लिए समय बहुत ही उत्तम रहेगा।

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