दुनिया भर में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। भारत में 2020 में दर्ज किए गए कुल कैंसर के मामलों में से लगभग 14 प्रतिशत स्तन कैंसर के थे। इस कैंसर के ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं। इसका कारण यह है कि महिलाओं को इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं होती है। अक्टूबर माह को विश्व स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करना है।

डॉक्टरों का कहना है कि कुछ आसान तरीकों से इस कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अनुराग कुमार का कहना है कि अगर किसी महिला को ब्रेस्ट में गांठ महसूस होती है, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव आता है, तो ये ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं. यदि इस पर ध्यान दिया जाए तो प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का निदान किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिनसे कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

Breast Cancer Awareness Month: How early detection and screenings can save  lives - News | UAB

आज के समय में एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना बहुत जरूरी है। सोने का समय और जागने का समय निर्धारित करें। खान-पान का ध्यान रखें और नियमित व्यायाम करें। हर छह महीने में बॉडी चेकअप कराएं और कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

वजन बढ़ने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। जब शरीर में चर्बी बढ़ती है तो अधिक एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन होता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यदि शरीर का बीएमआई मानक से अधिक है तो मोटापा कम करने के प्रयास करने चाहिए। प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए।

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