भारत का हर बैंक देता है आपको ये 10 अधिकार, कोई भी बैंक कर्मचारी नहीं कर सकता इनकार
अक्सर लोग यह शिकायत करते रहते हैं कि बैंक में खाता खुलवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। बैंक में कस्टमर्स से इतने डॉक्यूमेंट मांग लिए जाते हैं कि कई बार लोग यह झंझट मोल लेने से कतराते हैं। लेकिन बता दें कि आरबीआई ने ग्राहकों के लिए कुछ अधिकार बनाए हैं।यदि कोई भी बैंक कर्मचारी आपको बेवजह परेशान करे अथवा आपका काम नहीं करे तो उसकी तत्काल शिकायत कर सकते हैं। आइए जानें, बैंक से मिलने वाले उन 10 अधिकारों के बारे में।
1- खाता खोलने का अधिकार
छोटा खाता हर व्यक्ति का अधिकार है। सिर्फ एक एक फोटो और बैंक के खाता खोलने के फार्म पर हस्ताक्षर करके या अंगूठा लगाकर इस अकाउंट को खोला जा सकता है। देश का कोई भी बैंक स्थाई पते के सबूत के अभाव में देश के किसी भी इलाके में रहने वाले भारतीय नागरिक का खाता खोलने से इनकार नहीं कर सकता।
2- डिपॉजिट खातों की विशेष शर्तों की जानकारी देना जरूरी
बैंकों के लिए यह जरूरी है कि वे डिपॉजिट खातों की विशेष शर्तों की जानकारी अपने ग्राहकों को खाता खोलते समय दें। यह किसी भी ग्राहक का हक है। अगर बैंक कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
3- शून्य राशि पर भी बंद नहीं हो सकता खाता
बीएसबीडी खाते में यदि जीरो बैलेंस है तो भी बैंक आपका अकाउंट बंद नहीं कर सकते हैं।
4- फटे-पुराने नोट बदलवाना
बैंक की किसी भी शाखा में जाकर अपने फटे/पुराने नोट बदल सकते हैं। बैंक नोट बदले से इनकार नहीं कर सकते हैं।
5- मुफ्त में दोबारा खाता चालू करना
अपने बैंक खाते को दोबारा चालू कराने के लिए बैंक आपसे कोई भी फीस नहीं ले सकता है। खाता चालू करने पर पैसे लेना बिल्कुल गलत है।
6- शिकायत करने का अधिकार
अगर आप बैंक की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं, तो इसकी शिकायत आप टोल फ्री नम्बर पर कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी आपसे अभद्रता करता है, तो इसकी शिकायत आप बैंक ब्रांच में शिकायत सुनने वाले कर सकते हैं। हर बैंक में शिकायत सुनने वाले अधिकारी का नाम व पता लिखा होता है। अधिकारी को आपकी शिकायत की रिसीट कॉपी भी देनी होती है।
7- बुज़ुर्ग और विकलांग की एक ही विंडो पर हर सर्विस
बुज़ुर्ग/विकलांग लोगों को एक ही खिड़की पर सारी सुविधाएं देना बैंकों के लिए जरूरी है।
8- सिक्योरिटी वापस लेने का हक
यदि आपने किसी बैंक से लोन लिया है, जिसके लिए सिक्योरिटी दी है, तो पूरी देनदारी चुकता करने के 15 दिन के भीतर सिक्योरिटी वापस मिलनी चाहिए।
9- चेक कलेक्शन में देरी पर मुआवजा
चेक कलेक्शन में बैंक की तरफ से निर्धारित समय से ज्यादा समय लगने पर ग्राहकों को मुआवजा पाने का अधिकार है। मुआवजे की रकम साधारण ब्याज दर के हिसाब से चुकाई जाएगी।
10- फंड ट्रांसफर का अधिकार
कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक से NEFT के जरिए 50,000 रुपए तक रकम किसी अन्य बैंक खाते में जमा करा सकता है। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि संबंधित बैंक में उस व्यक्ति का खाता हो।