भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन को देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। देश में मंदिरों को इस दिन सजाया जाता है और श्री कृष्ण के अलग अलग रूपों की झाकियां भी लगाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में हुआ। इसलिए उनके जन्मदिन के रूप में ही जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व होता है। आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं कि आपको जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करनी है ? यदि आप पूजन विधि का पालन नहीं करेंगे तो आपको मनचाहा फल नहीं मिलेगा!

पूजा के समय भगवान कृष्ण की मूर्ति, उनका सिंहासन, पीपल, केले, आम के पत्तों का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

तेल या घी का दीपक जलाना चाहिए और पूजा में धूप बत्ती या अगरबत्ती का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके अलावा श्रीकृष्ण को चावल, हल्दी, रोली, सिंदूर, सुपारी, आभूषण, पान के पत्ते आदि भी अर्पण करने चाहिए।

जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं उन्हें सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के बाद उन्हें मन में श्री कृष्ण का ध्यान भी करना चाहिए।

भगवान श्रीकृष्ण के पूजा में "ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥” मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करना आपके लिए काफी शुभ होगा और आपकी मनोकामना पूरी होगी।

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