वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर ग्रह कहा जाता है। सूर्य पुत्र शनि न्याय प्रिय और कर्म फलदाता हैं। शनि का कार्य प्रकृति में संतुलन को बनाए रखना है इसलिए कलियुग में शनि पूजा का बहुत महत्व है। शास्त्रों में शनि के बुरे प्रभावों से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इनमें शनिवार के टोटके, शनिवार के उपाय, शनि ग्रह से बचने के उपाय, शनि की कृपा पाने के उपाय आदि हैं।

1. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को छूते हुए सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। आपको ऐसा हर शनिवार को करना है। इसके अलावा जब आप परिक्रमा कर रहे हैं तब "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जप भी करें।

2. 43 शनिवार तक हर शाम शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं। इससे वे प्रसन्न होते हैं। तेल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें।
नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते, नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते.
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च, नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो.
नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते, प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च.’



3. हर शनिवार बंदरों और कुत्तों को गुड़ और काले चने खिलाएं। सरसों के तेल में सेंका हुआ परांठा खिलाएं इससे शनिदेव के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।

4. शनिवार के दिन शनिदेव का अभिषेक तेल में काले तिल मिलाकर करने से भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शनिवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक दूध में काले तिल मिलाकर करने से विष योग में शांति मिलती है।

5. शनिवार को के दिन शनि देव पर अवश्य रूप से जल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा आपको हनुमान जी की प्रतिमा के सामने तेल का दीया जलाना चाहिए। काले तिल, चने व काले कपड़े दान किए जा सकते हैं।

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