ज्योतिष शास्त्र के अंदर कई ऐसी चीज़ों का उल्लेख मिलता है जो हमारे जीवन से सीधे तौर पर जुड़ी होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में मौजूद कुल 12 राशियों का अध्ययन करने पर कई बातें सामने आती हैं। इनमें से एक है विवाह के लिए सही राशि का चुनाव या फिर किस राशि के व्यक्ति को किस राशि के व्यक्ति से शादी करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि कौन सी राशि को किस राशि के जातक से शादी नहीं करनी चाहिए।

मेष
12 राशियों में सबसे पहली राशि मेष है। इस राशि के जातक अत्यधिक सुंदर और गुणवान होते हैं। किसी भी राशि के जातक का दिल इन पर आ सकता है यानि अगर आप मेष राशि के जातक हैं तो आपके पास शादी के लिए कई विकल्प हो सकते हैं। मेष राशि के जातकों को वृश्चिक राशि के जातकों से शादी करने से बचना चाहिए। मेष और वृश्चिक दोनों राशियों के स्वामी मंगल हैं अत: इनके बीच कुछ खास मेल नहीं बैठता है क्योंकि इन दोनों के गुण लगभग एक समान होते हैं और कोई भी सामने वाले व्यक्ति के आगे झुकने को तैयार नहीं होता है। इसीलिए मेष राशि वालों को वृश्चिक राशि वाले से विवाह करने से बचना चाहिए।


वृष
इस राशि के जातक अत्यधिक सीधे और स्वाभिमानी माने जाते हैं। वृष राशि को धनु राशि वाले जातकों से शादी करने से बचना चाहिए। धनु राशि वाले लोग थोड़े तेज़ स्वभाव के और वाकपटु माने जाते हैं जबकि वृष राशि के जातक अत्यधिक शांत और कम बोलने वाले होते हैं। वृष राशि के स्वामी शुक्र हैं और धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं। शुक्र राक्षसों के गुरु हैं और बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। ये दोनों ग्रह आपस में शत्रु ग्रह हैं अत: यह विवाह भी ठीक नहीं माना जा सकता है।


मिथुन
इस राशि के जातकों को मकर राशि के जातकों से विवाह करने से बचना चाहिए। मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं जो कि इस राशि के जातकों को बुद्धिमान बनाते हैं जबकि मकर राशि के स्वामी शनि हैं जो इन्हें कर्म प्रधान बनाते हैं। बुध और शनि आपस में बराबर के ग्रह हैं यह ना तो दुश्मन हैं ना ही मित्र। लेकिन फिर भी ज्योतिष शास्त्र में इन दो राशियों की शादी सही मेल नहीं मानी जाती है।


कर्क
कर्क राशि के जातकों को कुंभ राशि के जातकों से विवाह करने से बचना चाहिए। कर्क राशि के ग्रह स्वामी हैं चंद्रमा और कुंभ राशि के ग्रह स्वामी शनि हैं। शनि के शत्रु ग्रहों में से एक चंद्रमा भी हैं और कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। ज्योतिश शास्त्र में कर्क और कुंभ राशि के जातकों का विवाह बहुत शुभ नहीं माना जाता है लेकिन यदि आपकी कुंडली किसी कुंभ राशि के जातक के साथ मिल गई हो और उनमें कोई दोष ना हो तो यह विवाह कुछ उपायों के साथ संभव हो सकता है।


सिंह
सिंह राशि के जातकों को अत्यधिक बलवान व्यक्तित्व का माना जाता है। ऐसे लोग हर जगह सिर्फ अपनी बात मनवाने के आदी होते हैं। इस राशि के लोगों को वृश्चिक राशि के जातकों से शादी करने से बचना चाहिए। सिंह राशि के ग्रह स्वामी सूर्य हैं जबकि वृश्चिक राशि के ग्रह स्वामी मंगल हैं। दोनों ग्रह आपस में मित्र हैं लेकिन दोनों ग्रहों के प्रभाव से इन दोनों राशियों के जातक किसी के आगे ना झुकने वाले माने जाते हैं। इसीलिए यह विवाह ज्यादा शुभ नहीं माना जाता है।


कन्या
कन्या राशि वालों को सिंह राशि के जातकों से विवाह करने से बचना चाहिए। कन्या राशि के स्वामी बुध हैं और सिंह के मंगल हैं। मंगल का शत्रु ग्रह बुध है। इन दोनों राशियों का विवाह भी अत्यधिक शुभ साबित नहीं हो पाता है।

तुला
इस राशि के जातकों को कन्या राशि के जातकों से शादी करने से बचना चाहिए। तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं जो इस राशि के जातकों को विलासिता पूर्ण जीवन जीने का गुण देते हैं। कन्या राशि के स्वामी बुध हैं जो इस राशि के जातकों को पढ़ाई की तरफ अग्रसर करते हैं। दोनों राशियों का मेल बहुत अच्छा इसीलिए नहीं माना जाता है क्योंकि ये दोनों जातक एक दूसरे से बहुत भिन्न होते हैं।


वृश्चिक
इस राशि के जातकों को मेष राशि के जातकों से विवाह नहीं करना चाहिए। जैसा कि मेष राशि में भी मैंने जिक्र किया था कि मेष और वृश्चिक दोनों राशियों के स्वामी मंगल हैं अत: इनके बीच कुछ खास मेल नहीं बैठता है क्योंकि इन दोनों के गुण लगभग एक समान होते हैं और कोई भी सामने वाले व्यक्ति के आगे झुकने को तैयार नहीं होता है।


धनु
इस राशि के जातकों को वृष राशि के जातकों से विवाह करने से बचना चाहिए। जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया था धनु राशि वाले लोग थोड़े तेज़ स्वभाव के और वाकपटु माने जाते हैं जबकि वृष राशि के जातक अत्यधिक शांत और कम बोलने वाले होते हैं। वृष राशि के स्वामी शुक्र हैं और धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं। शुक्र राक्षसों के गुरु हैं और बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। ये दोनों ग्रह आपस में शत्रु ग्रह हैं अत: यह विवाह भी ठीक नहीं माना जा सकता है।

मकर
मकर राशि के जातकों को मिथुन राशि के जातकों से विवाह नहीं करना चाहिए। इन दोनों राशियों के ग्रह आपस में ना तो शत्रु हैं और ना ही मित्र। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह विवाह शुभ नहीं माना जाता लेकिन यदि कुंडली में विवाह की स्थिति बन रही है तो फिर उपाय कराकर यह विवाह हो सकता है।


कुंभ
कुंभ राशि के जातकों को कर्क राशि के जातकों से विवाह करने से बचना चाहिए। ज्योतिश शास्त्र में कर्क और कुंभ राशि के जातकों का विवाह बहुत शुभ नहीं माना जाता है लेकिन यदि आपकी कुंडली किसी कुंभ राशि के जातक के साथ मिल गई हो और उनमें कोई दोष ना हो तो यह विवाह कुछ उपायों के साथ संभव हो सकता है।


मीन
मीन राशि वालों को कन्या राशि के जातकों से विवाह करने से बचना चाहिए। कन्या राशि के स्वामी बुध हैं और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति। बृहस्पति के शत्रु ग्रहों में बुध भी शामिल हैं। यह विवाह भी शुभ नहीं माना जाता है।

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