बॉलीवुड की हेरोइन यामी गौतम काफी ज्यादा परेशान है और उनकी परेशानी की वजह जानकार आप काफी हैरान हो जायेंगे। उनकी परेशानी की वजह यह है कि उनकी आने वाली फिल्म भूत पोलिस के रिव्युस जहा पर भी लिखे जा रहे है, उनकी हैडलाइन में कही भी यामी गौतम के नाम का ज़िक्र तक नहीं है। इस बात को यामी ने अपने ट्विटर पर उठाया है। एक मीडिया पोर्टल ने यामी गौतम की फिल्म भूत पुलिस का रिव्यू लिखा और उसकी हैडलाइन में फिल्म के दोनों हेरोस का नाम लिखा सैफ अली खान और अर्जुन कपूर। इस रिव्यू में यामी गौतम का नाम नदारत था और जैकलीन फर्नॅंडेज़ का नाम भी कही नहीं था।



ऐसे में यामी गौतम धर ट्वीट कर रही है उस रिव्यू को टैग करके “आपके इस फीडबैक के लिए धन्यवाद, लेकिन अब मीडिया पोर्टल्स के लिए अब यह बात समझने का समय आ गया है कि फिल्म में फीमेल एक्ट्रेसेस का भी बड़ा रोल होता है और आपकी हैडलाइन को धयान में रखते हुए कही यह बात।” उनका सरल भाषा में यह मतलब था कि फिल्मो में तो हीरो हेरोइन दोनों का ज़िक्र होता है, दोनों का नाम आता है और आप कहते है दो हीरो का नाम लिखकर कि उनकी फिल्म ऐसी है, तो फिल्म तो इनकी भी है।



वैसे यह शिकायत लम्बे समय से रही है बॉलीवुड की हेरोइनो को कि मीडिया को ऐसा लगता है कि उनके नाम पर फिल्मे नहीं चलती है और न ही ऐसा लगता है कि पिटती है। तो फिर फिल्म हिट हो तो हीरो का नाम, फिल्म फ्लॉप हो तो फिर हीरो का नाम। तो क्या फिल्मे सिर्फ हीरो की वजह से बनती और बिगड़ती है। कुछ समय पहले इस बात का ज़िक्र उस समय भी हुआ था जब करीना कपूर के बारे में खबर यह आई थी कि उन्होंने सीता का रोल करने के लिए 10 करोड़ रूपए की मांग करी है।



कोई नहीं जानता कि वो खबर कितनी सच्ची थी या झूटी थी लेकिन उस वक़्त यह भी कहा गया कि जब फ़िल्मी हीरो को इतना पैसा मिल सकता है तो फिल्म की हेरोइन को क्यों नहीं। ऐसे में सवाल यह उठता है, यह जो रंग बदलती बॉलीवुड की जो इंडस्ट्री है क्या वो इस बदलाव के लिए तैयार है। एक तरफ कंगना रनौत जैसी एक्ट्रेस भी है जो ऐसी फिल्मे करती है जिसमे उन्ही का मुख्य किरदार हो। कहने का मतलब यह है कि कंगना रनौत या दीपिका पादुकोण या ऐसे कई बड़े नाम जो है वो ऐसी फिल्मो को करना ज्यादा पसंद करते है हीरो भी वो हो हेरोइन भी वो हो, कहने का मतलब यह है कि मुख्य किरदार पर वो हो।

लेकिन अब यामी गौतम और जैकलीन फर्नॅंडेज़ जैसे एक्ट्रेस भी है जो एक टिपिकल मसाला फिल्म में हेरोइन वाला किरदार करते है और फिर उन्हें शिकायत यह होती है कि हमारा तो नाम ही नहीं लिया किसी ने। जब उस पोर्टल की हैडलाइन को पड़ा तो हमे भी ऐसा लगा कि है यह एक ऐसा मामला है जिसपर हेरोइन को शिकायत हो सकती है कि हमारी भी तो फिल्म है, आप हीरो के नाम से ही क्यों कह रहे है कि फलाना हीरो की फिल्म ऐसी है, हेरोइन को भी तो बोलिए, क्रेडिट तो दीजिए चाहे अच्छे काम का दीजिए या खराब काम का हो पर नाम हमारा भी आना चाहिए।

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