देश के सभी इलाकों में आज बिजली पहुंचने का दावा भले ही हमारी सरकार कर रही हों लेकिन देश के सभी गांवों में एक स्कूल और टीचर की पहुंच कितनी है ये आज हम आपको बताते हैं। झारखंड के एक नक्सल फोकस एरिया गुडाबांधा के बीहड़ में बसा एक गांव जहां स्कूल तो हैं लेकिन शायद टीचरों की आज भी कमी है।

इस स्कूल की एक खास बात ये है कि यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए एक पुलिस अधिकारी आता है जो अपनी ड्यूटी करते हुए बच्चों को क्लासों में जाकर पढ़ाते हैं।

ये पुलिस अधिकारी स्कूल के बच्चों को गणित विषय के फार्मूलों को याद करने के कुछ ऐसे तरीके बताता है जिससे कि बच्चे फॉर्मूलों को याद आसानी से कर पाते हैं और सवालों को हल करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है।

गुडाबांधा थाना में अपनी ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी प्रमोद पासवान को जब भी थोड़ा बहुत समय मिलता है तो वो अपना ये काम करने जरूर आते हैं। अगर किसी स्कूल में पढ़ाने जाने के लिए उन्हें कहीं दूर-दराज जाना पड़े तो वो जाने में कोई संकोच नहीं करते हैं।

आपको बता दें कि प्रमोद पासवान गुडाबांधा के एएसआई पद पर तैनात हैं और गांव के बीहड़ इलाकों में वो काफी समय से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। 1990 में इनकी नौकरी लगने से पहले वो बच्चों तो स्कूलों में पढ़ाते रहे हैं।

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स्कूल के बच्चों का कहना है कि वो पुलिस अंकल से पढ़कर काफी खुश हैं और वो गणित के बताए फार्मूलों के य़ाद करने के बाद उन्हें भूलते नहीं है।

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आपको बता दें कि इस तरह के पहाड़ी इलाकों में जहां गांव के लोग बच्चों को पढ़ा नहीं पाते हैं और बच्चों के लिए ट्यूशन जैसी कोई सुविधा नहीं होती है, ऐसे में इस तरह के टीचरों द्वारा दी जाने वाली सुविधा वाकई में काबिले तारीफ हैं।

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