मध्यप्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया है. करीब 18 सालों से पार्टी के सदस्य रहे सिंधिया ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच दोपहर 2.50 बजे ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए, सिंधिया ने 27 घंटे पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को सदस्यता दिलवाई।

शुक्रवार को ही मध्य प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। मध्य प्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम स्थान है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भाजपा ने मुझे एक बड़ा मंच प्रदान करने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एक सपना हमने पिरोया था, जब वहां सरकार बनी। लेकिन, 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए, चाहे वो किसानों के ऋण माफ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो, ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है। सिंधिया के इस हमले का जवाब अब कांग्रेस की तरफ से क्या आता है, वह देखना दिलचस्प होगा।

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