Photos: चट्टानों से लटकर 'शहद' इकठ्ठा करते है ये हनी हंटर्स, नहीं डरते मौत से भी...
इंटरनेट डेस्क। अक्सर यह तो हम सभी को पता है कि ये दुनिया बहुत बड़ी है और इस दुनिया में कई तरह के लोग पाए जाते है जो अपने अजीब कारनामों की वजह से दुनिया को हैरान कर देते है। साथ ही कई लोग ऐसे भी है जो अपने अजीबोगरीब तरीकों से लाखों रूपये कमाते है। मध्य नेपाल में रहने वाला गुरुंग समुदाय बेहद ही खतरनाक तरीके से हिमालय की ऊंची पहाड़ियों की चट्टानों से लटकते हुए मधुमक्खी के छत्तों से शहद इकठ्ठा करता है। ये छत्तें एपिस लेबोरिओसा मधुमक्खी के होते हैं जो कि विश्व की सबसे बड़ी मधुमक्खी कहलाती है।
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इन मधुमक्खियों की लंबाई 3 सेंटीमीटर तक होती है और इनका स्वभाव भी काफी गुस्सैल होता है। हालांकि, इसके बावजूद गुरुंग समुदाय के लोग शहद के लिए गुस्सैल मधुमक्खियों से भिड़ जाते हैं। ये काम जान जोखिम में डालने वाला है लेकिन शहद के लिए ये हनी हंटर्स किसी भी मुसीबत का सामना करने के लिए तैयार होते हैं। ये हनी हंटर्स हजारों सालों से शहद के लिए ऐसा काम करते आ रहे हैं। शहद की जद्दोजहद गुरुंग समाज की एक प्रथा है।
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इस समाज के लोग जिस मक्खी के छत्ते से शहद निकालते हैं वो दुनिया की सबसे बड़ी मधुमक्खियां होती हैं। इतना ही नहीं, ये लोग बिना किसी सुरक्षित पहनावे के छत्ता तोड़ने पहुंच जाते हैं। ऊंचाई भी कम नहीं होती। ये हनी हंटर्स हाथ से बनाई गई रस्सी की सीढ़ी से 200 से 300 फीट की ऊंचाई पर चढ़ जाते हैं। शहद के छत्तों के नीचे धुंआ करके ये मधुमक्खियों को भगाते हैं और उनका दंश गुरुंग लोगों के लिए आम बात है। छत्ता तोड़ने के लिए 8 साल बड़े बांस का इस्तेमाल करते हैं जिसे 'टंगोस' कहा जाता है।
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