आज के समय में अलग अलग यूनिवर्सिटी कई तरह के रिसर्च करती रहती है। ऐसे ही एक रिसर्च के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) के रिसर्चर्स ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है जिस से मोबाइल फोन और अन्य वियरेबल्स को इंसान के शरीर से चार्ज किया जा सकेगा। इसके लिए इंसान के शरीर को एक पावर ट्रांसमिशन मीडियम के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

यह सिस्टम सिंगल पावर सोर्स से शरीर पर लगे 10 वियरेबल डिवाइसेज को 10 घंटे से अधिक समय की अवधि के लिए पूरी तरह से चार्ज करने का मौका देता है। यह एक टिपिकल होम या ऑफिस एनवायरमेंट में इलेक्ट्रॉनिक्स से अनयूज्ड एनर्जी को इस्तेमाल करता है /


NUS के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर जेराल्ड यू ने कहा कि, ”वियरेबल डिवाइस में बैटरी सबसे महंगी चीज होती है और यह डिजाइन को बड़ा बना देते हैं. हमारे यूनिक सिस्टम में बैटरी की जरूरत को खत्म करने की क्षमता है. यह मैन्युफैक्चर्रस को गैजेट को छोटा करने के साथ प्रोडक्शन कॉस्ट को भी कम करने का मौका देगा। ”


यूजर्स को सिर्फ ट्रांसमीटर को एक सिंगल पावर सोर्स जैसे कि स्मार्टफोन या स्मार्टवॉच कलाई पर बंधे स्मार्टवॉच पर फिट किया जा सकता है। मल्टीपल रिसीवर्स को किसी भी व्यक्ति के शरीर पर फिट किया जा सकता है। ये अन्य वियरेबल्स को भी चार्ज कर सकता है। इस टेक्नीक को बॉडी-कपल्ड पावर ट्रांसमिशन कहा जाता है।

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