उनके बॉडीगार्ड बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उन्हें 33 गोलियां मारी। लेकिन इंदिरा गाँधी को मारते ही उन्होंने सरेंडर भी कर दिया मानो कह रहे हों कि हमने जो करना था कर दिया अब हमारे साथ चाहे जो हो।

बहुत से लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं कि आखिर इंदिरा गांधी की हत्या उनके बॉडीगार्ड्स ने क्यों की? इसके पीछे की वजह इंदिरा द्वारा करवाया गए ऑपरेशन ब्लू स्टार था। इसे एक प्लांड मर्डर कहा जाता है और इस ऑपरेशन के 4 महीने बाद ही इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी।

दरअसल 1970 के दशक में पाकिस्तान की शह पर सिख चरमपंथियों ने भारत से अलग देश खालिस्तान की माँग शुरू कर दी। जनरल सिंह भिंडरावाले इस मिशन का नेतृत्व कर रहे थे। साल 1981 में अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब गुरूद्वारे में जनरल सिंह भिंडरावाले कई सिखों के साथ मंदिर के अंदर डेरा डाल कर बैठ गए थे। यहाँ अलगाववादी आतंकी सिख भी तैनात थे। उन्हें लगा था कि गुरूद्वारे को एक पाक जगह माना जाता है इसलिए यहाँ कोई प्रवेश नहीं करेगा। लेकिन इंदिरा ने इसके खिलाफ एक ऑपरेशन लॉन्च करने की सोची। इंदिरा ने सैनिकों के साथ मिल कर ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया। ये ऑपरेशन 3 से 6 जून तक चला।

4 जून को सेना ने मंदिर के मोर्चाबंद चरमपंथियों के हथियारों को देखते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। 5 जून, 1984 को रात में 10.30 बजे के बाद काली कमांडो पोशाक में 20 कमांडो पूरी तैयारी के साथ स्वर्ण मंदिर में घुसे और इस दौरान काफी खून खराबा हुआ।

ऑपरेशन ब्लू स्टार में 83 सैनिक मारे गए और 249 घायल हुए। 493 चरमपंथी या आम नागरिक मारे गए, 86 घायल हुए और 1592 को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद सिख इंदिरा गांधी के खिलाफ हो गए। ये नाराजगी इतनी बढ़ गई थी कि 4 महीने बाद मर्डर प्लानिंग कर इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई।

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