अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब सौर मंडल के सबसे महंगे क्षुद्रग्रह पर उतरने की अपनी योजना शुरू कर दी है। 16 मानस नाम के, इस क्षुद्रग्रह की कीमत लगभग 10 हजार क्वाड्रिलियन डॉलर है। जो पूरी विश्व अर्थव्यवस्था की तुलना में कई गुना अधिक मूल्यवान है। इस क्षुद्रग्रह की चट्टानें बहुमूल्य खनिजों और धातुओं से बनी हैं, जिससे यह हमारे सौरमंडल का सबसे कीमती क्षुद्रग्रह है। इसके मूल्य का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि यह 2019 की विश्व अर्थव्यवस्था (140 140 ट्रिलियन) से 10,000 गुना अधिक है।


यह क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच की परिक्रमा कर रहा है। यह सौर मंडल के मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाया जाने वाला अब तक का सबसे मूल्यवान और सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक दो दशकों से अधिक समय से इसका अध्ययन कर रहे हैं। ताकि इसकी रचना और वास्तविक स्थान का पता चल सके। यह क्षुद्रग्रह आकार में लगभग 240 किमी चौड़ा है। और यह पृथ्वी से लगभग 370 मिलियन किमी दूर स्थित है।


इसकी चट्टानें मिट्टी और पत्थरों के बजाय कीमती और कठोर धातुओं से बनी हैं। यह एकमात्र क्षुद्रग्रह है जो पूरी तरह से सोने, लोहे और निकल धातुओं से बना है। नासा अब इस क्षुद्रग्रह तक पहुंचने की तैयारी कर रहा है। पहले इसका अध्ययन कर स्थान का पता किया जाएगा। जिसके बाद नासा इस क्षुद्रग्रह पर एक रोबोट भेजेगा। इसके लिए नासा ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ भी साझेदारी की है। नासा भी स्पेसएक्स के साथ मिलकर अगस्त 2022 में एक रॉकेट लॉन्च करने की योजना बना रहा है।


जनवरी 2026 में इस क्षुद्रग्रह पर पहुंचेगा। रॉकेट मानचित्रण सहित कम से कम 21 महीनों के लिए क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करेगा।

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