Mobile Repair: 'मैं कहीं भी अपना फोन रिपेयर कर सकता हूं', अमेरिका समेत कई देशों में शुरू हुआ आंदोलन
मोबाइल रिपेयर से ग्राहक को निकट भविष्य में बड़ी राहत मिल सकती है। अगर किसी फोन या गैजेट कंपनी का कोई प्रोडक्ट खराब हो जाता है तो उसे रिपेयर करना काफी महंगा पड़ता है। अगर गैजेट की मरम्मत करना मुश्किल हो जाता है तो यह कंपनियों द्वारा अधिक मोबाइल फोन बेचने का भी एक कदम है। इसे देखते हुए दुनिया के कई देशों में मरम्मत के अधिकार के आंदोलन को गति मिली है।
इस आंदोलन के परिणामस्वरूप अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पर नियम बनाने को कहा है। यह कंपनियों को ग्राहकों या तीसरे पक्ष द्वारा स्वयं मोबाइल और अन्य गैजेट की मरम्मत करने से नहीं रोकेगा।
एफटीसी ने यह भी बताया
एफटीसी ने मई में मरम्मत बाजार पर एक रिपोर्ट में कहा कि कई उपकरणों की मरम्मत को जानबूझकर महंगा और मुश्किल बनाया जा रहा था। यह उपभोक्ताओं को पुराने फोन छोड़ने और नए खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है, भले ही वे प्रयोग करने योग्य हों। कंपनियां इसे ठीक करने के नाम पर अपना नियंत्रण खोना भी नहीं चाहती हैं।
आंदोलन जोर पकड़ रहा है
ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ भी मरम्मत के अधिकार को लागू करने पर विचार कर रहे हैं। 27 अमेरिकी राज्यों ने कानूनी रूप से इस अधिकार को मान्यता दी है। Apple कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव वोज्नियाक के अनुसार, कंपनियां नहीं चाहती हैं कि उनके डिवाइस की मरम्मत किसी तीसरे पक्ष द्वारा की जाए, जिससे उनके डिवाइस पर नियंत्रण और शक्ति का नुकसान हो सकता है।
आंदोलनकारियों की मरम्मत के अधिकार की मांग
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कंपनियां अपने उपकरणों के लिए स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति बढ़ा रही हैं। एक विस्तारित मैनुअल देता है ताकि लोग इसकी मरम्मत कर सकें। कंपनियां रिपेयर करने के लिए मोटी रकम वसूलती हैं। ग्राहक इसे थर्ड पार्टी से बहुत कम कीमत पर ठीक कर सकता है।
कंपनियों का तर्क
-मोबाइल फोन कंपनियों का कहना है कि वे डिवाइस को खुद ठीक करना चाहती हैं। ताकि फोन में मौजूद ग्राहकों के डेटा और प्राइवेसी को गलत हाथों में पड़ने से बचाया जा सके।
-कंपनियों के पास इस उपकरण को ठीक करने के लिए अच्छी तकनीक और विशेषज्ञ कर्मचारी हैं, जिससे गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है।
-पुनर्चक्रण भी किया जाता है। अगर फोन को ठीक नहीं किया गया तो बाहर हानिकारक कचरा हो सकता है।
Apple का बैटरी गेट
- एपल जैसी कंपनियों का बैटरी गेट स्कैंडल हो चुका है। जिसमें वह जानबूझ कर फोन को स्लो कर रही हैं ताकि लोग नया खरीद सकें।
-कंपनियां नहीं चाहतीं कि बैटरी गेट जैसी चालों को छिपाने के लिए किसी तीसरे पक्ष द्वारा फोन की मरम्मत की जाए।
-प्रदूषण को मरम्मत से रोकने का दावा करने वाली कंपनियों को भी झूठा बताया जा रहा है। उदाहरण के लिए, Apple की पर्यावरण रिपोर्ट से पता चलता है कि iPhone 12 अपने निर्माण के समय अपने जीवनकाल के 83 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन का उत्सर्जन करता है।