चाहे वह पेटीएम एक डिजिटल भुगतान ऐप हो या फोनपे या Google पे जैसे डिजिटल लेनदेन ऐप, डिजिटल लेनदेन ऐप के उपयोग में कुछ वर्षों में बहुत अधिक गति देखने को मिलेगी। कोरोना महामारी के बाद से डिजिटल भुगतान अधिक लोकप्रिय हो गया है। चाय की दुकान पर लोग मोबाइल से भी 5 रुपये का भुगतान कर सकते हैं। लेकिन साइबर अपराधी भी इस सुविधा का फायदा उठा सकेंगे.

जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन की दुनिया आसानी से बढ़ती जा रही है, उसी गति से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। पिछले हफ्ते दिल्ली में ही 'कौन बनेगा करोड़पति' के नाम पर एक महिला से 8.50 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया था. साइबर ठगों ने 'केबीसी' के लकी ड्रॉ में चुने जाने और 25 लाख जीतने वाली महिला के मोबाइल एसएमएस को भी चकमा दिया है. ठगों ने 4 दिन के अंदर महिला से 8.5 लाख रुपए ठग लिए। तमाम जागरूकता के बाद भी लोग इन ठगों के जाल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुके हैं.



फेक पेटीएम एप: फर्जी एप भी खूब ठगने लगे हैं। हाल ही में एक फर्जी पेटीएम ऐप सामने आया है जिसके जरिए साइबर अपराधियों ने लोगों से लाखों रुपये लूटे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैदराबाद पुलिस ने फर्जी पेटीएम ऐप के जरिए ठगी करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। ये फर्जी ऐप दिखने में असली ऐप की तरह लगते हैं, जिसकी वजह से लोग जाल में फंसते जा रहे हैं.

हैदराबाद की तरह देश के और भी कई हिस्सों से धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. ऑनलाइन लेन-देन करते समय हमेशा सतर्क रहना जरूरी है और किसी भी तरह से धोखाधड़ी से दूर रहने के लिए कहा गया है। केवाईसी के नाम पर ठगी की जा रही है। पेटीएम एप से जुड़े ठगी के मामले में दुकान से कुछ खरीदकर नकली रसीद सहित माल की कीमत, दुकान या दुकानदार का नाम व अन्य जानकारी दिखाकर दुकानदार को लूट लिया गया है. नकली ऐप दुकानदार को पैसे मिलने की सूचना भी दिखाता है, लेकिन उसके बैंक खाते में कुछ भी क्रेडिट नहीं मिलने वाला है।

फेक ऐप्स से बचें: पेमेंट एप के नाम से मिलते-जुलते कई फर्जी ऐप प्ले स्टोर पर आ चुके हैं। इन ऐप्स के नोटिफिकेशन इतनी तेजी से और लगातार आते रहते हैं, इसलिए उन नकली ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले उनकी जांच जरूर कर लें।

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