कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए सरकार को आर्थिक मदद की बेहद जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं लोगों से पीएम केयर्स में डोनेट करने की बात कही थी। इसके बाद कई मदद के हाथ आगे आए।

अब केंद्र सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया है कि सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती की जाएगी और सांसद निधि को भी 2 साल के लिए स्थगित किया गया है। तो आखिर इसमें कितनी बचत होगी?

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी अपने वेतन में कटौती करने का फैसला लिया है। इसके अलावा भारत के प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री समेत सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती होगी। ये कटौती 1 अप्रैल से लागू होगी और 1 साल तक जारी रहेगी।

कुल सांसदों की संख्या 790

संसद के दोनों सदनों के 790 सांसद है और एक सांसद की सैलरी 1 लाख रुपये है तो प्रत्येक सांसदों की सैलरी से 30 हजार रुपये कटेंगे। इस से एक महीने में 23 करोड़ रुपए की बचत होगी।

सांसदों को सांसद निधि के तहत 5 करोड़ हर साल दिए जाते हैं जिसे भी अब 2 साल के लिए स्थगित कर दी गई है।

राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख

राष्ट्रपति को वेतन के तौर पर 5 लाख रुपये और उपराष्ट्रपति को 4 लाख रुपये मिलते हैं। राज्यपाल की सैलरी 3.5 लाख है तो केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात उपराज्यपाल को 1.10 लाख रुपये सैलरी मिलती है। प्रधानमंत्री की सैलरी 2 लाख रुपये है।

शीर्ष पदों पर बैठे लोगों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती से करीब 25 करोड़ रुपये की बचत होगी। सांसद निधि को स्थगित करने से करीब 7,900 करोड़ रुपये की बचत होगी।

कुल होगी इतनी बचत

केंद्र के फैसले से करीब 8 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी और इस पैसे का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने की जंग में किया जाएगा।

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