हार्दिक पांड्या टीम इंडिया के एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी क्षमता अव्वल दर्जे की है। हार्दिक पांड्या क्रिकेट ग्राउंड पर चुनौतियों को भी चुनौती देते नजर आते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पांड्या भारतीय टीम के स्थापित खिलाड़ी हैं। विश्व कप 2019 में टीम इंडिया को हार्दिक पांड्या की सबसे ज्यादा जरूरत होगी। फिलहाल टीम इंडिया में हार्दिक जैसा हार्ड एंड क्लीन हिटर कोई नहीं है। फील्डिंग में भी हार्दिक पांड्या अपना सौ फीसदी देते हैं। हार्दिक पांड्या की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग शीर्ष स्तर की है। सही मायने में देखा जाए तो टीम इंडिया में हार्दिक पांड्या को कोई विकल्प नहीं है।

आप यह बात अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि हार्दिक पांड्या गेंदबाजी की तुलना में बल्लेबाजी भी शानदार करते हैं। अब सोचने वाली बात यह है कि हार्दिक पांड्या यह आत्मविश्वास आया कहां से? बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में पाकिस्तान के विरूद्ध 76 रनों की पारी खेलने के बाद हार्दिक पांड्या की बल्लेबाजी पहले से ज्यादा बेहतरीन हो गई।
आपको बता दें कि साल 2017 में चैंपियन्स ट्रॉफी का फाइनल मैच भारत और पाकिस्तान के बीच ओवल के ग्राउंड पर खेला गया था। इस मैच में पाकिस्तान ने 338 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया था।
फाइनल मैच में पाकिस्तान की ओर से रखे गए 339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया की पारी 30.3 ओवर में 158 रन बनाकर सिमट गई। हार्दिक पांड्या ने 76 रन (43 गेंद, 4 चौके, 6 छक्के) की तूफानी पारी खेली और सम्मान बचाने की कोशिश की। उन्होंने 32 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया था। हार्दिक पांड्या ने इस मैच में छक्कों की हैट्रिक भी लगाई थी।

बल्लेबाजी के दौरान छक्का जड़ने की कला में हार्दिक पांड्या पूरी तरह से पारंगत हैं। गौरतलब है कि हार्दिक पांड्या अपनी गेंदबाजी में सुधार करते रहे तथा बल्लेबाजी में अपने प्रदर्शन को बरकरार रखे तो निश्चित ही वो दशक के श्रेष्ठ ऑल राउंडर बन पाएंगे। हांलाकि वो सर्वश्रेष्ठ नहीं हो सकते हैं क्योंकि दुनिया का यह श्रेष्ठ नियम है कि इस दुनिया में कुछ भी सर्वश्रेष्ठ नहीं है।

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