आज पूरा देश अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस सेलेब्रेट कर रहा है। इस दिन को हम महिला के सम्मान के रूप में सेलेब्रेट करते है। वैसे कहते है न महिला नारी शक्ति का रूप है,ये कहीं न कहीं सच है। आज हम आपको एक ऐसे नारी शक्ति रूप से अवगत कराएंगे, जिन्होंने अपने मेहनत और लगन के दम पर ये मुकाम हासिल किया है। हम बात कर रहे है असम में रहने वाली 18 साल की हिमा दास की जिन्होंने आईएएएफ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है।

वे विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की ट्रैक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। शुरुआत में हिमा को फुटबॉल खेलने का शौक था, वे अपने गांव के आस पास के छोटे-मोटे फुटबॉल मैच खेलकर 100-200 रुपए जीत लेती थीं। इन मैचों में खिलाड़ी को काफी दौड़ना पड़ता है, जिससे हिमा का स्टैमिना अच्छा रहा और वह ट्रैक पर भी बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहीं।

हिमा एक संयुक्त परिवार से हैं। उनके घर में कुल 16 सदस्य हैं। वे जिस गांव में रहती हैं, वहां अक्सर बाढ़ के हालात बन जाते हैं। जीके वजह से कई-कई दिन तक प्रैक्टिस नहीं कर पाती थी, क्योंकि जिस खेत या मैदान में वह दौड़ की तैयारी करती थीं वह पानी से लबालब हो जाता था। लेकिन हिमा के जज्बे ने उनके कदम को रुकने नहीं दिए और आज उन्होंने पूरी दुनियां में अपनी अलग पहचान बना ली है।

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