138 करोड़ की आबादी वाला यह देश आखिर क्यों नहीं खेलता क्रिकेट, ये है वजह
इंटरनेट डेस्क: आईपीएल के धमाकेदार शुरूवात के बाद आखिरकार रविवार को इसका शानदान समापन हो गया है रोहित की मुंबई की टीम ने धोनी की चेन्नई टीम को हराकर इस बार का आईपीएल कप अपने नाम कर लिया है और वहीं जल्द ही फैंस को जिसका इंतजार है क्रिकेट के महामुकाबले का वह भी जल्द आने वाला है जी हां हम बात कर रहे है क्रिकेट वल्र्ड कप की जिसके लिए अब थोड़े ही दिन बाकी रह गए है फैंस भी बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे है इस महामुकाबले में दुनियाभर की कई टीमें भाग लेगी पर आज हम आपकों एक ऐसे देश के बारे में बताएंगे जहां क्रिकेट को लेकर खास उत्साह नहीं देखा जाता है
जी हां आज के समय में अगर बता की जाए तो टेक्नोलॉजी के मामले में तो चीन दुनियाभर के कई देशों से बेहद ही आगे निकलते जा रहा है तो वहीं वैश्विक खेलों में भी चीन काफ ी रूचि भी रखता है और अपनी छाप हर देश में छोड़ता है लेकिन क्रिकेट के मामले में यह देश बिल्कुल ही फिसड्डी है जी हां यहां क्रिकेट के खेल को ज्याद तवज्जों नहीं मिलती है इसकी वजह क्या है,आइए जानते है
आपकों जानकारी के लिए बतादें की चीन हमेशा से ओलंपिक का समर्थक रहा है और ओलंपिक में होने वाले खेलों के लिए इस देश के खिलाड़ी कड़ी मेहनत भी करते है यहीं वजह है की हमेशा ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल जीतने वालों में चीन के खिलाड़ी ही होते है ऐसे में क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा नहीं है और इसलिए यह देश इस खेल को खास तवज्जो भी नहीं देता है इस देश में क्रिकेट के अलाव और भी कई खेल खेले जाते है तो वहीं इसकी पीछे एक और वजह भी बताई गई है वो है अंग्रेजों द्वारा चीन का उपनिवेश कभी नहीं किया गया और जो देश क्रिकेट खेलते है, वह कभी न कभी ब्रिटिश उपनिवेश का हिस्सा जरूर ही रहे हैं ऐसे में भले ही क्रिकेट न खेला जाता हो लेकिन चीन के लोगों को बैडमिंटन, टेबल टेनिस जैसे खेल खूब पसंद आते हैं और उनमें वह कड़ी मेहनत भी करते नजर आते है