सच है कि क्रिकेट का खेल अनिश्चितताओं से परिपूर्ण है। क्रिकेट ही एकमात्र ऐसा खेल है, जहां हर रोज रिकॉर्ड बनते और टूटते रहते हैं। आज हम उन खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं, जो अपने डेब्यू मैच में जीरो पर आउट हुए थे, लेकिन बाद में इन्होंने अपने बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत में धूम मचा दी। इतना ही नहीं ये तीनों खिलाड़ी अपनी-अपनी टीमों के लिए श्रेष्ठ कप्तान साबित हुए।

1- केन विलियमसन


क्रिकेट जगत के बेहतरीन बल्लेबाजों में न्यूजीलैंड के केन विलियमसन का नाम जरूर लिया जाता है। केन विलियमसन टेस्ट, वनडे और टी-20 फॉर्मेट में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम की कप्तानी कर चुके हैं। साल 2010 में केन विलियमसन ने भारत के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। उस मैच में गेंदबाज प्रवीण कुमार ने केन विलियमसन को शून्य रन पर बोल्ड कर दिया था।
मौजूदा समय में केन विलियमसन के नाम वनडे क्रिकेट में 11 शतक और 36 अर्धशतक दर्ज है।

2- महेंद्र सिंह धोनी


क्रिकेट जगत में महेंद्र सिंह धोनी को माही और कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है। आज की तारीख में माही दुनिया के बेस्ट फिनीशर्स में से एक माने जाते हैं। बता दें कि टीम इंडिया को एकदिवसीय और टी20 में विश्वकप दिलाने वाला यह खिलाड़ी अपने डेब्यू मैच में जीरो रन पर आउट था। बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच में डेब्यू किया था। उस मैच में धोनी शून्य के स्कोर पर रन आउट हो गए थे। धोनी के नाम वनडे क्रिकेट में 70 अर्धशतक और 10 शतक दर्ज हैं।

3- एंजेलो मैथ्यूज


एंजेलो मैथ्यूज को श्रीलंका क्रिकेट टीम की रीढ़ माना जाता है। 28 नवंबर 2008 को एंजेलो मैथ्यूज जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे मैच से डेब्यू किया था। उस मैच में लंकाई गेंदबाज मेंडिस ने 29 रन पर 6 विकेट लेकर जिम्बाब्वे की टीम को 146 रनों पर ही समेट दिया था। उस मैच में बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंकाई टीम भी कुछ विशेष कमाल नहीं दिखा सकी थी। 101 रनों पर ही श्रीलंका के 6 खिलाड़ी पवेलियन जा चुके थे। बल्लेबाजी करने उतरे एंजेलो मैथ्यूज आठ गेंदों का सामना करने के बावजूद जीरो पर आउट हुए थे। हांलाकि श्रीलंका ने वह मैच जीत लिथा। मेंडिस को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था। एंजेलो मैथ्यूज करीब 106 एकदिवसीय मैचों में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की कप्तानी कर चुके हैं।

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