स्पोर्ट्स डेस्क। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज लिटन दास काफी प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं। उन्होंने कई मौकों पर अपनी टीम के लिए अच्छी पारियां खेली हैं और जीत दिलाई हैं। आज उनकी जिंदगी से जुड़े एक किस्से की चर्चा करेंगे, जिसे शायद ही आपने कभी सुना हो। लिटन दास अक्सर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और रोचक पोस्ट्स करते रहते हैं। उनकी इसी आदत ने एक दिन उन्हें आलोचकों का निशाना बना दिया।

लिटन दास से जुड़े एक वाकये का जिक्र करेंगे। एक बार लिटन दास ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाली, जिस पर काफी विवाद हो गया। बात साल 2015 की हैं जब लिटन दास ने अपने फेसबुक अकाउंट पर फैंस को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दी थीं। लिटन की इस पोस्ट के सामने आते ही कई लोगों ने उन्हें धर्म के नाम पर पोस्ट नहीं करने की सलाह दे डाली और कुछ यूज़र्स ने तो उन्हें सच्चा बांग्लादेशी मानने से भी इंकार कर दिया।

पोस्ट पर विवाद के बाद आखिरकार लिटन को कहना पड़ा था कि 'मेरी पहली पहचान यह है कि मैं बांग्लादेशी हूं और धर्म हमें बांट नहीं सकता। लिटन दास की इस एफबी पोस्ट पर एक यूज़र ने लिखा कि, मैं आपसे कह रहा हूं कि इस तरह की धार्मिक पोस्ट न करिये। वही एक अन्य यूज़र ने उन्हें पोस्ट हटाने के लिए तक कह दिया। उसने तर्क देते हुए कहा कि, इस्लाम में मूर्ती पूजा का कोई स्थान नहीं हैं।

विवाद बढ़ने पर दास ने पोस्ट को डिलीट कर दिया। आपकी जानकरी के लिए बता दे, लिटन दास ने जून 2015 में भारत के खिलाफ ही अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (टेस्ट और वनडे) करियर की शुरुआत की थी।

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