आपको या​द दिला दें कि 8 मार्च 2018 को निदाहस ट्रॉफी का फाइनल मैच बांग्लादेश और इंडिया के बीच खेला गया था। इस मैच में टीम इंडिया की हार लगभग पक्की थी। लेकिन महज आठ गेंदों में 29 रन मारकर दिनेश कार्तिक ने बांग्लादेश की आंखों में आंसू ला दिए। दिनेश कार्तिक ने उस मैच में आखिरी बॉल पर छक्का लगाया था। आपको जानकर यह हैरानी होगी कि दिनेश कार्तिक ने 11 साल में महज 20 मैच खेले हैं। यह संख्या आपको चौंका सकती है। जी हां, हम टी-20 मैच की बात कर रहे हैं।

दिलचस्प बात ये कि इंडियन टीम के पहले 20-20 मैच में वो ‘मैन ऑफ़ दी मैच’ रहा था। दिनेश कार्तिक के बारे में कानाफूसी होती है कि यदि यह खिलाड़ी ठीक से खेलता तो इंडियन टीम में महेंद्र सिंह धोनी की एंट्री मुश्किल हो जाती।
यह बात तब की है, जब 1 दिसंबर 2006 को इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच जोहान्सबर्ग में टी-20 मैच खेला जा रहा था। इस मैच में साउथ अफ्रीका ने पहले पहले बल्लेबाजी करते हुए कुल 126 रन बनाए थे। आज के अतिशी बल्लेबाजी के दौर में ये रन बेहद मामूली दिखते हैं, लेकिन ये रन बहुत मायने रखते थे। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी भी ज़ीरो रन पर आउट हो चुके थे, लेकिन दिनेश कार्तिक ने 28 गेंदों में 31 रनों की पारी खेलकर मैच अपने नाम कर लिया।

उस मैच में दिनेश कार्तिक को मैन ऑफ़ दी मैच का पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद निदहास ट्रॉफी में दिनेश कार्तिक की तूफानी पारी की कथा आपको पहले ही सुना चुके हैं। शायद 19 मार्च, 2018 की सुबह दिनेश कार्तिक इंडिया में सबसे ज़्यादा सर्च किए गए होंगे आपको जानकर यह हैरानी होगी कि दिनेश कार्तिक को महेंद्र सिंह धोनी से पहले मौक़ा मिला था। लेकिन यह खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाया।

बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला वन डे मैच खेला था। इस मैच में वह महज एक रन बनाकर आउट हुए थे। बावजूद इसके उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ वन डे सीरीज़ के लिए चुन लिया गया। सीरीज़ के दूसरे ही मैच में धोनी ने 148 रन ठोक डाले। एक वो दिन था, और एक आज का दिन है। माही ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस शख्स की वजह से दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल जैसे खिलाड़ी टैलेंट के बावजूद टीम से बाहर ही रह गए।

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