आईसीसी वर्ल्डकप क्रिकेट जगत का सबसे बड़ा टूर्नामेंट माना जाता है। क्रिकेट के हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो वर्ल्डकप में खेलने वाली टीम का हिस्सा हो। विश्वकप होने में कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। साल 2011 में टीम इंडिया विश्वकप विजेता रही। महेंद्र सिंह धोनी के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने खुद को वनडे क्रिकेट के एक सुपरपॉवर के रूप में स्थापित किया। कोहली एंड कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी सीरीज़ जीतने में सफलता हासिल की है।
ऐसे में टीम इंडिया को विश्वकप का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। लेकिन इस टीम में कुछ ऐसी खामिया हैं, जिनकी बदौलत इस टूर्नामेंट में इस टीम की आशा निराशा में बदल सकती है।

1- स्विंग वाली पिच पर सलामी बल्लेबाजों का बुरा प्रदर्शन


इसमें कोई दो राय नहीं है कि टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन ने अपनी शानदार ओपनिंग की बदौलत कई बार टीम इंडिया को जीत दिलवाई है। लेकिन स्विंग वाली पिचों पर नई गेंदों का सामना करते हुए इनकी बल्लेबाजी संदेह के घेरे में आ चुकी है। इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में या फिर हैमिल्टन में खेले गए वनडे मुकाबले में भारत के सलामी बल्लेबाज स्विंग लेती गेंदों पर बेबस नजर आए। इससे टीम के मध्यक्रम पर काफी दबाव पड़ता है।

2- मध्यक्रम में निरंतरता की कमी


साल 2017 में पाकिस्तान के विरूद्ध चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल हारने के बाद टीम इंडिया ने अपने मध्यक्रम को काफी मजबूत किया है। लेकिन मध्यक्रम की अनिश्चितता इस टीम को बहुत दर्द दे सकती है। नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए युवराज सिंह, सुरेश रैना, दिनेश कार्तिक और लोकेश राहुल के मुकाबले अंबाती रायुडु को चुना है। अंबाती रायुडु मध्यक्रम के लिए बेस्ट हो सकते हैं। लेकिन हर वक्त आंकड़ें ही सही नहीं होते हैंं। धोनी के साथ ही रायुडु भी कभी कभी डॉट गेंदे खेलते हैं। ऐसा करना फायदे का सौदा नहीं साबित हो सकता है। हालिया मैचों में टीम इंडिया आखिरी 10 ओवरों का फायदा उठाने में नाकामयाब रही है।

3- टीम में 5वें गेंदबाज की समस्या


टी20 में इंडियन टीम की सफलता का श्रेय उसके गेंदबाजों को जाता है। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाज तथा कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की स्पिन जोड़ी भरोसे के काबिल है। लेकिन पांचवे गेंदबाज के रूप में भारत अक्सर फेल रहा है। पांचवे गेंदबाज के रूप में केदार जाधव और हार्दिक पांडया में होड़ है। हांलाकि पारी के अंत में पांडया बहुत ज्यादा रन लुटाते हैं।

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