कभी सड़कों पर गोलगप्पे बेचा करता था ये खिलाड़ी और आज है भारतीय क्रिकेट टीम की शान
साल 2020 में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले आईसीसी अंडर19 विश्व कप के लिए बीसीसीआइ ने 15 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा कर दी है। इसमें यूपी के भदोही के यशस्वी जायसवाल का सिलेक्शन हुआ है। इस ख़ुशी के माहौल में यशस्वी जायसवाल के पिता कहते हैं, बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। किराने की दुकान में काम किया और सड़कों पर गोल गप्पे बेचे। मैं चाहता हूं कि वो एक दिन विराट कोहली के साथ खेले और भारत को विश्व कप दिलाए।
यशस्वी जायसवाल बचपन से ही बेटा क्रिकेटर बनना चाहता था। इसी चलते 10 साल की उम्र में वो मुंबई चला गया। वहां एक रिश्तेदार के रहकर उसने आजाद मैदान में प्रैक्टिस शुरू की। पुरे 3 सालों में उसने बहुत संघर्ष किया। जमीन पर सोता था, कीड़े और चींटी काटते थे। फोन करके कहता था-पापा बहुत चींटी काटती है। मैं उससे वापस आने को बोलता तो कहता था, पापा बूट पालिश कर लूंगा। लेकिन बिना कुछ बने वापस नहीं आऊंगा।
यशस्वी के पिता भूपेंद्र कहते हैं, एक समय ऐसा था जब बेटे ने किराने की दुकान पर काम किया और गोलगप्पे भी बेचे। लेकिन उस समय जो लोग मुझे पागल कहते थे वो आज साथ में फोटो खिंचवाते हैं। पेपर हाथों में लेकर आते हैं। फक्र से कहते हैं, यशस्वी हमारा बच्चा है। बेटे ने मेरा सपना पूरा कर दिया।