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पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने हाल ही में अपने करियर के चरम पर होने के दौरान टीम से बाहर किए जाने के बारे में बात की है। 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच में भारत के लिए शतक बनाने के बाद तिवारी को राष्ट्रीय टीम से बेवजह बाहर कर दिया गया था। उन्हें प्लेइंग इलेवन में वापस भेजे जाने से करीब आठ महीने पहले ही टीम में शामिल किया गया था। हाल ही में एक बातचीत में उन्होंने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि चीजें कैसे बिगड़ गईं और उन्होंने तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी पर कुछ अप्रत्यक्ष टिप्पणियां भी कीं, उन्होंने कहा कि वह भविष्य में इस बारे में बात करेंगे। तिवारी ने कहा कि अपने करियर के ऐसे महत्वपूर्ण चरण में टीम से बाहर किए जाने से उनका आत्मविश्वास वाकई डगमगा गया।

मनोज तिवारी का आत्मविश्वास टूट गया

उन्होंने क्रिकेट एडिक्टर से कहा- “देखिए, यह बहुत पहले हुआ था। यह बीती बात है, लेकिन हां, दुख तो होता ही है। अगर मैं कहूं कि यह दुखद नहीं था तो मैं झूठ बोलूंगा। हम क्या कर सकते हैं? यह जीवन है; लेकिन इस से आगे बढ़ने की जरूरत है। अगर मुझे अपनी आत्मकथा लिखनी पड़े या मैं अपना खुद का पॉडकास्ट बनाऊं, तो मैं सब कुछ बता दूंगा। लेकिन यह आसान नहीं था। जब कोई खिलाड़ी अपने चरम पर होता है, जब उसका आत्मविश्वास डगमगा जाता है, तो इससे मानसिकता में बदलाव आता है,"।

मनोज तिवारी का करियर

वनडे- 12 मैचों में उन्होंने एक शतक और अर्धशतक के साथ 287 रन बनाए हैं।
T20I- 3 मैचों में उन्होंने 15 रन बनाए हैं।
FC- उन्होंने 148 मैचों में 10,195 रन बनाए हैं

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