डेस्क: टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारत को गर्वित करने का सिलसिला मीराबाई चानू के रजत पदक से ही शुरू हो गया था। मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतकर ना केवल भारत को गौरवान्वित किया बल्कि उनके साथ हैं भारतीय खिलाड़ियों के पदक जीतने का सिलसिला शुरू हुआ।

मणिपुर के इम्फाल में जन्मी मीराबाई चानू की उम्र अभी महज 27 साल है। इतनी कम उम्र में उन्होंने वह कर दिखाया जो कईयों के लिए केवल सपना ही होता है। उनका जन्म 8 अगस्त 1994 को हुआ। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव में ही प्राप्त की। 2016 के रियो ओलंपिक से लेकर अब तक की उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है।

2016 के ओलंपिक में हार से हुई थी स्तब्ध

2016 के रियो ओलंपिक का हिस्सा बनी मीराबाई चानू उस वक्त अपनी हार से स्तब्ध रह गई थी। दरअसल उस दौरान वेटलिफ्टिंग के समय अचानक उनका हाथ रुक गया जिस वजह से वह हार गई थी। इस हार से वह काफी स्तब्ध हो गई और वेटलिफ्टिंग को अलविदा कहने का मन बना लिया। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ की हार-जीत जीवन का ही एक पहलू है।

टोक्यो ओलंपिक में जीती रजत

टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए उनका सिलेक्शन होने के बाद ही उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि “मैं टोक्यो ओलंपिक में मेडल जरूर जीतूंगी।” उनके अनुसार रियो ओलंपिक में अनुभव की कमी के कारण वह सफल नहीं हो सकी थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक 2020 से पहले मीराबाई को वेटलिफ्टिंग का काफी अच्छा खासा अनुभव हो गया था। इस बार उन्होंने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतकर अपना सपना पूरा किया।

मीराबाई के नाम है कई रिकॉर्ड

मात्र 27 साल की उम्र में मीराबाई चानू ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। इसकी शुरुआत 2014 से हुई। 2014 के ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 48 किलो वर्ग में रजत पदक जीता।

2016 के रियो ओलंपिक में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित 12वें दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

2017 के वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था।

2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड जीतकर उन्होंने वेटलिफ्टिंग में भारत का पहला गोल्ड दिलाया था।

मीराबाई चानू को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा “पद्मश्री” पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

सरकार से मिल चुके हैं कई बार इनाम

2017 वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के कारण मणिपुर सरकार की तरफ से उन्हें 20 लाख रुपए का इनाम दिया गया था। भारत सरकार के तरफ से भी उनके लिए 50 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी शानदार जीत के बाद कई राज्यों की सरकारों और संस्थानों ने उन पर इनामों की बौछार कर दी।

मणिपुर सरकार ने उन्हें 1 करोड़ रुपए इनाम देने की घोषणा की। जबकि भारतीय रेलवे ने 2 करोड़ के इनाम की घोषणा की है। बीसीसीआई द्वारा 50 लाख रुपए और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा भी 25 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की गई है। हरियाणा सरकार ने उन्हें स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी देने का वादा किया है।

मीराबाई की है करोड़ों की संपत्ति

अगस्त 2021 में मीराबाई चानू की संपत्ति कुल मिलाकर 5 करोड़ रुपए की हो गई है। इससे पहले भी अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर जीतने वाले नामों के कारण उनकी सालाना आय 50 लाख रुपए से अधिक थी। उनकी मासिक आय लगभग 5 लाख रुपए प्रति माह है।

टोक्यो ओलंपिक के बाद मां की आई याद

टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीतने के बाद उन्होंने कहा कि यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने अपने पदक को अपनी मां को समर्पित किया और कहा कि उनकी मां उनके लिए प्रार्थना करती थी। उनका कहना है कि उनकी मां ने उनके लिए काफी बलिदान दिए। उनकी वजह से ही आज वह इस मुकाम पर पहुंच सकी हैं।

सरकार से मिली काफी मदद

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उनकी काफी मदद की है। उनके अनुसार भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय ओलंपिक संघ और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के समर्थन से वह आगे बढ़ सकी। उन्होंने अपने कोच विजय शर्मा को धन्यवाद करते हुए कहा कि “मैं अपने कोच विजय शर्मा सर को भी धन्यवाद कहना चाहती हूं। उन्होंने मुझे सिखाने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है।”

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