Captain Mahendra Singh Dhoni ने पहली बार बताया वे किसे मानते हैं अपना आदर्श
भारत के पूर्व क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के आज दुनियाभर में करोड़ों फैंस हैं। धोनी के खेल, उनकी रणनीति, उनके व्यक्तित्व को बहुत लोग पसंद करते हैं। धोनी भारत में एक ऐसा नाम है जिसे बच्चा-बच्चा जानता है। क्रिकेट की दुनिया में अपनी छाप छोड़ने वाले महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन क्रिकेट प्रेमी आज भी भारतीय टीम में उनकी कमी महसूस करते हैं। आज लाखों करोड़ों लोग धोनी को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। चाहे वो क्रिकेट की फिल्ड से हों या किसी और फिल्ड से, धोनी बहुत से लोगों के आदर्श हैं। लेकिन धोनी के आदर्श कौन है? क्या आप जानते हैं अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं।
धोनी भारत के अब तक के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। उनकी अगुवाई में भारत ने आईसीसी (ICC) कि सभी प्रमुख ट्रॉफियां अपने नाम की हैं। जैसे – टी20 विश्व कप, वनडे विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी। इसके अलावा उनकी कप्तानी में भारत ने टेस्ट में नंबर वन टीम बनी थी।
28 साल बाद जब 2011 में भारत ने विश्वकप जीता तो भारतीयों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। इस बात को 11 साल बीत चुके हैं, लेकिन ये कल की बात लगती है जब कुलसेकरा की गेंद पर धोनी ने छक्का लगाया तो भारतीय दर्शक अपनी जगह से कूद पड़े। भारत ने 28 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद वर्ल्ड कप जीता था। लोग रात को ही जश्न मनाने लगे, सड़कों गलियों में पटाखे फोड़े जा रहे थे कहीं पर डीजे बज रहा था। भारत में एकदम अलग ही माहौल था। पूरी भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था।
सचिन और अमिताभ हैं धोनी के आदर्श
2011 विश्व कप के बाद जब धोनी से इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया कि आपके हीरो कौन हैं और किससे आपको एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा मिलती है। तब महेंद्र सिंह धोनी ने दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम लिया।
धोनी ने कहा पूरे क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। भारतीयों को क्रिकेट से प्यार करवाने का काम सचिन तेंदुलकर ने ही किया है। धोनी ने ये भी कहा कि सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन दोनों ही महान होने के साथ बहुत ही विनम्र स्वभाव के इंसान हैं। सफलता पाने के लिए ये दोनों गुण आपके अंदर होने चाहिए। ये दो लोग धोनी के आदर्श हैं। दोनों ने ही अपने अपने क्षेत्र में बहुत संघर्ष किया है और आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं