वर्ल्ड कप 2019 खेलने जा रही हर टीम में है कोई न कोई बड़ी कमजोरी, जानिए क्या?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि आईसीसी ने 2019 में होने वाले विश्व कप के पूरे कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। वर्ल्ड कप 2019 का आयोजन 30 मई से 15 जुलाई तक इंग्लैंड में होगा। विश्वकप के दौरान सभी 10 टीमें एक दूसरे के खिलाफ एक-एक मैच खेलेगी और इसमें से टॉप 4 टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी। टूर्नामेंट का फाइनल लॉर्ड्स में खेला जाएगा।विश्व कप 2019 के लिए क्रिकेट जगत की सभी टीमों का ऐलान हो चुका है, ऐसे में इन दिनों इस बात पर चर्चा जारी है कि कौन सी टीम सबसे ताकतवर है, कौन संतुलित है, कौन सी टीम छुपा रुस्तम साबित होगी तथा कौन सी टीम खिताबी रेस से बाहर है।
बता दें कि विश्व कप 2019 के लिए चयनित सभी टीमों तथा इनके रिकॉर्ड्स को देखकर यह स्पष्ट हो चुका है कि हर टीम में कोई ना कोई कमजोरी है। इस स्टोरी में हम आपको इन सभी टीमों की बड़ी कमजोरियों से रूबरू कराने जा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पास फिनिशर नहीं
बता दें कि डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ की एंट्री से ऑस्ट्रेलिया की टीम थोड़ी मजबूत हुई है। टीम के टॉप ऑर्डर में कप्तान एरॉन फिंच, वार्नर, स्मिथ और उस्मान ख्वाजा जैसे बल्लेबाज हैं। लेकिन छठे नंबर पर खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया के पास ऐसा कोई अनुभवी बल्लेबाज नहीं है, जो टीम को संकटों से उबार सके। इस नंबर पर मार्कस स्टोइनिस के खेलने की संभावना है, लेकिन उन्होंने अब तक यह साबित नहीं किया है कि वे वे लक्ष्य का पीछा करते हुए दबाव में मैच फिनिश कर सकते हैं।
टीम इंडिया में चौथे नंबर की बल्लेबाजी है सबसे बड़ी कमजोरी
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पिछले 6 महीने से यह दावा कर रहे थे कि अंबाती रायडू नंबर-4 के लिए आदर्श बल्लेबाज हैं। बता दें कि रायडू विश्व कप टीम के लिए नहीें चुने गए हैं। टीम इंडिया में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने की जिम्मेदारी विजय शंकर को दी गई है, जबकि विजय शंकर ने इसी साल वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया है। बता दें कि विजय शंकर वनडे क्रिकेट में 200 रन भी नहीं बना सके हैं।
स्पिन गेंदबाज हैं न्यूजीलैंड की कमजोरी
न्यूजीलैंड विश्व कप की संतुलित टीमों में से एक है। लेकिन इस टीम की परंपरागत कमजोरी स्पिन गेंदबाजी है। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज तेज गेंदबाजी का तो अच्छी तरह सामना करते हैं, लेकिन इस टीम के बल्लेबाज स्पिनरों के जाल में फंस जाते हैं। केन विलियम्सन और रॉस टेलर के अलावा किसी भी कीवी बल्लेबाज का रिकॉर्ड स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अच्छा नहीं है।
दक्षिण अफ्रीका टीम में सलामी बल्लेबाज तथा ऑलराउंडर का अभाव
साल 1992 के बाद यह पहला मौका है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम को विश्व कप खिताब का दावेदार नहीं माना जा रहा है। यह टीम ओपनिंग जोड़ी को लेकर बेहद परेशान है। कप्तान डू प्लेसिस, जेपी डुमिनी और डेविड मिलर संभवत: तीन, चार और पांच नंबर पर खेलेंगे। लेकिन इस टीम के पास छठे नंबर पर कोई भरोसेमंद बल्लेबाज नहीं है। टीम में बेहतरीन ऑलराउंडर का भी अभाव है।
अफगानिस्तान का पेस अटैक है कमजोरी
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम पहली बार विश्व कप खेलने जा रही है। इस टीम के पास कुछ विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। इस टीम के पास कुछ अच्छे स्पिनर हैं। राशिद खान को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर माना जाता है। लेकिन इस टीम में तेज गेंदबाजों की कमी दिखती है। चूंकि विश्व कप इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित होगा, ऐसे में वहां की पिंचे तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होती हैं। ऐसे में अफगानिस्तान का पेस अटैक उसकी बड़ी कमजोरी साबित हो सकता है।
बांग्लादेश के पास स्पिनर और फिनिशर की कमी
बांग्लादेश एक ऐसी टीम है, जिसने अपने खेल में लगातार सुधार किया है। बांग्लादेश की टीम में मुशफिकुर रहीम, शाकिब हल हसन है। तेज गेंदबाजी में मुस्तफिजुर रहमान और रूबेल हुसैन हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से टीम में विश्वस्तरीय स्पिनर नहीं है। शाकिब और मेहदी हसन अब पहले जैसे धारदार नहीं रहे।
वेस्टइंडीज का मिडिल ऑर्डर कमजोर, स्पिनर भी चुनौती
वेस्टइंडीज की टीम खुद को विश्व कप का दावेदार मान रही है। इस टीम में क्रिस गेल और आंद्रे रसेल जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं। टीम की तेज गेंदबाजी भी दमदार है। लेकिन मिडिल ऑर्डर में इस टीम के पास बल्लेबाजों का अभाव है। बता दें कि स्पिन गेंदबाजी वेस्टइंडीज की सबसे बड़ी कमजोरी है। इस टीम में ऐसे स्पिनर नहीं हैं, जो विरोधी टीम पर लगाम लगा सकें।
पाकिस्तान टीम में फिनिशर नहीं
पाकिस्तान क्रिकेट टीम को विश्व कप खिताब के प्रबल दावेदारों में से एक माना जा रहा है। इस टीम में फखर जमान और इमाम उल हक की ओपिनिंग जोड़ी अच्छी है। तीसरे नंबर पर बाबर आजम भी बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन चौथे से छठे नंबर की बल्लेबाजी बेहद कमजोर है। मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक चौथे और पांचवें नंबर बल्लेबाजी करते हैं। टीम को छठे नंबर पर फिनिशर की कमी खलने वाली है। हांलाकि टीम की गेंदबाजी दमदार है।
श्रीलंका का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर
श्रीलंका की टीम आज भी कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने और मुथैया मुरलीधरन के संन्यास से नहीं उबर पाई है। टीम की बल्लेबाजी तो फिर भी ठीक है, लेकिन इसकी गेंदबाजी बेहद कमजोर हो गई है। अनुभवी गेंदबाज लसिथ मलिंगा टीम के लिए अहम योगदान दे सकते हैं, लेकिन उनकी फिटनेस हमेशा संदेह के घेरे में रहती है।
इंग्लैंड का रिकॉर्ड बेहद कमजोर
इंग्लैंड विश्व कप की सबसे संतुलित टीम है। टीम के पास ओपनिंग के लिए जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हेल्स और जेसन रॉय हैं। मिडिल ऑर्डर में जो रूट, इयोन मोर्गन, जोस बटलर और मोइन अली हैं। टीम के पास ऑलराउंडर बेन स्टोक्स हैं। गेंदबाजी में टॉम कुरैन, लियाम प्लांकट, क्रिस वोक्स, डेविड विली और मार्क वुड