Sports Gossip: नीरज चोपड़ा सहित के अलावा ये 10 खिलाड़ी भी भारतीय सेना का हिस्सा बनकर कर रहे हैं देश की सेवा
देश का हर युवा अपने देश की सेवा करना चाहता है। वैसे तो हर कोई अप्रत्यक्ष रूप से देश की सेवा करते हैं लेकिन कुछ ही लोग होते हैं जो देश के लिए अपनी जान दांव पर लगाते हैं और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है। वैसे तो हर कोई भारतीय सेना की वर्दी पहनने का शौक रखता है लेकिन बहुत ही कम है जिन्हें यह सौभाग्य मिलता है। देश के कई ऐसी खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने खेल में देश का नाम रोशन करने के बाद सेना की वर्दी पहनी और सेना में पदभार ग्रहण किया। इसके अलावा कुछ खिलाड़ी पहले से ही सेना में थे और देश के लिए उन्होंने खेल में नाम रोशन किया। आइये आज 10 ऐसी हस्तियों के बारें में जानते हैं जिन्होंने खेल और सेना दोनों में देश का प्रतिनिधित्व किया।
1- महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय क्रिकेट के कप्तान रह चुके महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को सभी आईसीसी टूर्नामेंट का खिताब जिताया है। उनका देश की आर्मी के लिए प्यार सभी ने देखा है। हालांकि धोनी अब अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले चुके हैं। उन्हें भारतीय सेना की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई है। आगरा में ट्रेनिंग सेंटर में पांच पैराशूट प्रशिक्षण कूद पूरी करने के बाद 2015 में पैराट्रूपर बन गए थे। 2019 वर्ल्ड कप के बाद धोनी ने कश्मीर जाकर सेना के साथ कैम्प में 15 दिन गुज़ारे थे।
2- सचिन तेंदुलकर
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेदुलकर द्वारा क्रिकेट में बनाए गए रिकार्डों से सभी परिचित हैं। सन्न 2010 में उन्हें भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन की उपाधि मिली थी। सचिन तेदुलकर यह उपाधि पाने वाले पहले खिलाड़ी है। सेना में पद के अलावा सचिन राज्य सभा के मानद सांसद भी रह चुके हैं। सचिन वायुसेना के कार्यक्रमों में कई बार दिख चुके हैं।
3- कपिल देव
भारत को पहली बार वनडे विश्व कप का खिताब जिताने वाले ऑलराउंडर कप्तान कपिल देव को 2008 में भारतीय प्रादेशिक आर्मी की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गयी थी। यही उपाधि धोनी को भी मिली है। कपिल देव को यह उपाधि सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने रक्षा मंत्रालय में खुद दिया था।
4- मेजर ध्यानचंद
ओलम्पिक में भारत को हाकी में कई पदक दिलाने वाले ‘हाकी के जादूगर’ ध्यानचंद भारतीय सेना में मेजर के पद पर तैनात थे। सेना में रहते हुए उन्होंने हाकी खेलनी शुरू की। वह 29 अगस्त 1956 में लेफ्टिनेंट के रूप से भारतीय सेना से सेवानिवृति हुए। उनकी जन्मतिथि को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद ने सेना में रहते हुए अपने हाकी करियर को संवारा और देश को ओलम्पिक में 3 गोल्ड मेडल दिलाये।
5- मिल्खा सिंह
मिल्खा सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन का नाम भारत में दौड़ की पर्यायवाची है। उन्होंने आर्मी में जुड़ने के बाद एथलेटिक्स शुरू की थी। राष्ट्रमंडल खेलों में व्यक्तिगत एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले वह पहले भारतीय थे। उनका रिकॉर्ड कृष्णा पूनिया ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में डिस्क्रस थ्रो में स्वर्ण पदक जीतकर तोड़ा। मिल्खा सिंह ने 1956 मेलबर्न ओलम्पिक, 1960 रोम ओलम्पिक और टोक्यो 1964 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
6- राम कुमार यादव
राम कुमार यादव ओलम्पिक के मैराथन इवेंट में क्वालीफाई करने वाले दूसरे भारतीय एथलीट है। राम ने 2012 लन्दन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन इसमें वह 76वें स्थान पर आये थे। वह 2012 मुंबई मैराथन में 2:16:59 के समय में दौड़ पूरा कर बी योग्यता मानद हासिल किया। राम भारतीय सेना में हवालदार हैं। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बनारस से हैं।
7- विजय कुमार
2012 लन्दन ओलम्पिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले शूटर विजय कुमार के बारें में बहुत ही कम लोगों को पता होगा। विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा वह 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण पदाक्त और एक सिल्वर मेडल जीत चुके है। विजय भारतीय सेना में डोगरा रेजिमेंट (16वीं बटालियन) में सूबेदार मेजर हैं। सन्न 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में विजय कुमार को भारतीय ध्वजवाहक के लिए चुना गया था।
8- जीतू राय
नेपाल में जन्मे जीतू राय ने शूटिंग में भारत को कई मेडल जिताएं हैं। वह 10 मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में हिस्सा लेते हैं। जीतू राय 2006 में भारतीय सेना में शामिल हुए। वह सेना में नायब-सूबेदार के पद तक पहुंचे हैं। वह 2018 राष्ट्रमंडल के खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल में रिकार्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर चुके है।
9- राज्यवर्धन सिंह राठौर
2004 के एथेंस ओलम्पिक में डबल ट्रैप में सिल्वर मेडल जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौर इस समय भाजपा पार्टी से मंत्रिमंडल में पदभार संभाल रहे हैं। राठौर राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। राठौर ने कर्नल के रूप में रिटायर होने से पहले भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में एक कमीशन अधिकारी के रूप में काम किया था। राज्यवर्धन सिंह राठौर खेल मंत्री भी रह चुके हैं।
10- अभिनव बिंद्रा
2008 बीजिंग ओलम्पिक में भारत को व्यक्तिगत स्तर एकमात्र स्वर्ण पदक जिताने वाले अभिनव बिंद्रा सेना में भी काम कर चुके हैं। वह भारतीय प्रादेशिक सेना की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि पा चुके हैं। अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर पिस्टल रायफल एकल में हिस्सा लेते रहे हैं। रियो ओलम्पिक में निराशाजनक प्रदर्शन के उन्होने सन्यास की घोषणा कर दी।
11- नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेल जगत के नए नायक बन गए हैं। भाला फेंकने के अलावा नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में सूबेदार के पद की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हरियाणा के पानीपत के रहने वाले नीरज चोपड़ा को 2016 में नायब सूबेदार के रूप में नियुक्त किया गया था।